जैसलमेर का भूतिया गाँव-कुलधरा गाँव

कुलधरा गाँव के इतिहास 

जैसलमेर का भूतिया गांव
जैसलमेर का भूतिया गांव
जैसलमेर का भूतिया गाँव
वक्त जिसके चलते दुनिया कि हर चिज बदल जाती है शाम, सवेरे में और सवेरा, शाम में बदल जाता है।इसी वक्त ने कुलधरा गाँव के इतिहास को बदला है, राजस्थान का जैसलमेर जिला और जैसलमेर जिले का कुलधरा गाँव जिसने वक के चलते हजारों रहस्यमय घटनाओं को पिछे छोड़ दिया। जैसलमेर का कुलधरा गाँव अपनी घटनाओं के चलते हमेशा से ही लोगों में अपनी एक अलग पहचान रखता है, एक समय था जब कुलधरा गाँव एक बहुत सम्पन व समृद्ध गाँव हुआ करता था लेकिन वक्त के चलते यह गाँव रातों रात एक विरान खण्ड्हर में तब्दील हो गया। गाँव के आसपास रहने वाले लोगों का मानना है कि यहाँ आए दिन भूतिया घटनाएँ घटित होती रहती है, जर्जर और बंजर हालातो में पड़े ये अखण्डर आज भी इन रहस्यो से रूबरू करवाते है। इसलिए सरकार द्वारा रात के समय इसके अदंर जाने पर पाबंदी लगा दी गई है तथा दिन के समय जो टुरिस्ट गाँव को देखने आते है उनके साथ भी Security guards को भेजा जाता हैं।इस गाँव के अचानक विरान हो जाने से जुड़े बहुत सारे तथ्य है जिन्हें एक एक करके आज आपके सामने रखेंगे।आज जिन हालातो में कुलधरा गाँव है हमेशा से यह ऐसा नहीं था बल्कि एक समय था जब यह काफी समृद्ध हुआ करता था लेकिन वक के हालातो ने इसे आज जर्जर कर दिया है।
कुलधरा गाँव कहां स्थित हैं? 
कुलधरा गाँव राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित है जिसे आज से लगभग 200 साल पहले जैसलमेर के पालिवाल ब्राह्मणों ने बसाया था तथा बहुत बड़ी संख्या में यहाँ पर पालीवाल ब्राह्मण रहा करते थे। लेकिन एक समय ऐसा आया जिसके चलते रातों रात यह गाँव खाली हो गया तथा गाँव खाली करते वक्त गाँव वालों ने श्राप दे दिया कि जो कोई भी इस गाँव में बसने कि हिम्मत करेगा वह बर्बाद हो जाएगा। इसलिए आज तक इस गाँव में कोई बस्ती नहीं बसा सका है। इतिहासकारो का मानना है कि यह गाँव 1825 ई में खाली हो गया था तथा तब से लेकर अब तक यह गाँव विरान पड़ा है। लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि ऐसा क्या हुआ था उस रात जिसके चलते आज तक यहाँ किसी ने रहने कि हिम्मत नहीं हुई? 

कुलधरा गाँव का इतिहास

कुलधरा गाँव राजस्थान के जैसलमेर जिले मे लगभग 1291ई के पास पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा बसाया गया था लेकिन गाँव कि राजनीतिक और सुरक्षा का भार जैसलमेर के शासकों के हाथों में ही था।जैसलमेर पर 1800 से 1860 के बीच में सालिम सिंह ने राज किया था तथा जैसलमेर की सम्पूर्ण राजनीति उन्हीं के हाथों में थी और 1825 में उन्होंने कुलधरा गाँव के पास एक हवेली बनवाई थी जिसे आज पटवो की हवेली के नाम से जाना जाता है तथा 1825 के बाद से ही कुलधरा विरान पड़ा है इसलिए इतिहास कार कुलधरा के विरान होने की कड़ी को सालिम सिंह के साथ जोड़कर देखते है और यह कुछ सत्य भी लगता है।

कुलधरा के बर्बादी कि कहानी

एक कहानी के अनुसार कुलधरा गाँव में पालीवाल ब्राह्मणों कि ही एक पुत्री शक्ति मैया रहा करती थी जो रूप में बहुत सुंदर थी तथा उसके सोन्दर्य की चर्चा बहुत दुर दुर तक थी ऐसे में एक दिन सालिम सिंह ने शक्ति मैया को देखा तभी से सालिम सिंह उसके साथ शादी करने के सपने देखने लगा और जब यह बात गाँव के पालीवाल ब्राह्मणों को पता चली तो उन्होंने इसके लिए साफ मना कर दिया तथा कहा कि यह हमारे नियमों के खिलाफ है।
इससे नाराज होकर सालिम सिंह ने गाँव वालों को धमकी दे दी कि अगर शक्ति मैया से उसकी शादी नहीं हुई तो वे पुरे गाँव को तबाह कर देंगे।इसके बाद गाँव वालों ने अपनी पंचायत बुलाई जिसमें उन्होंने गाँव छोड़कर जाने का तय किया तथा गाँव छोड़कर जाते समय उन्होंने श्राप दिया की जो कोई भी इस गाँव में बसने की कोशिश करके वह पुरी तरह बर्बाद हो जाएगा।लेकिन इस कहानी में कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता तथा कुछ लोगों का कहना की यह बाद में बनाई गईं कहानी है।

कुलधरा गाँव की सच्चाई

इसके अनुसार गाँव वाले सालिम सिंह के ज्यादा कर लगाने तथा उसके अत्याचारों से तंग आकर गाँव छोड़कर चले गए। लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि इस गाँव में पानी के समाप्त हो जाने के कारण लोग यहाँ से चले गए, कुछ इतिहास कारों का मानना है यह गाँव एक बहुत बड़े युद्ध या प्राकृतिक आपदा के कारण बर्बाद हुआ था लेकिन इसके ऊपर सवाल ये उठाते है कि इतने सालों तक इस गाँव में फिर से किसी ने कोई बस्ती क्यों नहीं बसाई है।

जैसलमेर का भूतिया गाँव

कुछ वैज्ञानिकों की मानें तो इस गाँव की जमीन बंजर तथा पानी की कमी आ जाने के कारण लोग गाँव छोड़कर चले गए, यह कुछ सत्य लगता है क्योंकि राजस्थान कि भूमि पर अधिक गर्मी के कारण धरती का पानी सूख जाता है गर्मी के मौसम में राजस्थान का सामान्य तापमान 45 से 55°C रहता है।

रात के समय गाँव में जाने पर पाबंदी क्यूँ

इस गाँव के आसपास बहुत सारा इलाका वर्षों से खाली पड़ा है क्योंकि बंजर जमीन, पानी की कमी और शहर से दुर होने के कारण यहाँ पर कोई नहीं रहता है इसके अलावा हमेशा से ही इसके बारे में लोगों में नकारात्मक विचार रहे है और यहाँ पर रहने वाले लोगों का मन भी इन्हीं नकारात्मक विचारों का शिकार हो जाता है जिसके चलते बेवजह ही लोगों में इसके प्रति डर बड़ गया है। तथा रात के समय पर यहाँ बहुत सारे खतरनाक जानवर घूमते हैं जो इन्सानो पर हमला कर देते है जिसके चलते सरकार ने इस पर रात के समय जाने पर पाबंदी लगा दी।

  1. सबसे डरावना गाँव कौनसा है?
  2. उतर- जैसलमेर का कुलधरा गाँव 
  3. कुलधरा गाँव कहां स्थित है?
  4. उतर- जैसलमेर जिले में
  5. कुलधरा गांव में कौन रहता है?
  6. कोई नहीं रहता है 

कुलधरा गाँव के इतिहास 

वक्त जिसके चलते दुनिया कि हर चिज बदल जाती है शाम, सवेरे में और सवेरा, शाम में बदल जाता है।इसी वक्त ने कुलधरा गाँव के इतिहास को बदला है, राजस्थान का जैसलमेर जिला और जैसलमेर जिले का कुलधरा गाँव जिसने वक के चलते हजारों रहस्यमय घटनाओं को पिछे छोड़ दिया। जैसलमेर का कुलधरा गाँव अपनी घटनाओं के चलते हमेशा से ही लोगों में अपनी एक अलग पहचान रखता है, एक समय था जब कुलधरा गाँव एक बहुत सम्पन व समृद्ध गाँव हुआ करता था लेकिन वक्त के चलते यह गाँव रातों रात एक विरान खण्ड्हर में तब्दील हो गया। गाँव के आसपास रहने वाले लोगों का मानना है कि यहाँ आए दिन भूतिया घटनाएँ घटित होती रहती है, जर्जर और बंजर हालातो में पड़े ये अखण्डर आज भी इन रहस्यो से रूबरू करवाते है। इसलिए सरकार द्वारा रात के समय इसके अदंर जाने पर पाबंदी लगा दी गई है तथा दिन के समय जो टुरिस्ट गाँव को देखने आते है उनके साथ भी Security guards को भेजा जाता हैं।इस गाँव के अचानक विरान हो जाने से जुड़े बहुत सारे तथ्य है जिन्हें एक एक करके आज आपके सामने रखेंगे।आज जिन हालातो में कुलधरा गाँव है हमेशा से यह ऐसा नहीं था बल्कि एक समय था जब यह काफी समृद्ध हुआ करता था लेकिन वक के हालातो ने इसे आज जर्जर कर दिया है।

कुलधरा गाँव कहां स्थित हैं? 

कुलधरा गाँव राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित है जिसे आज से लगभग 200 साल पहले जैसलमेर के पालिवाल ब्राह्मणों ने बसाया था तथा बहुत बड़ी संख्या में यहाँ पर पालीवाल ब्राह्मण रहा करते थे। लेकिन एक समय ऐसा आया जिसके चलते रातों रात यह गाँव खाली हो गया तथा गाँव खाली करते वक्त गाँव वालों ने श्राप दे दिया कि जो कोई भी इस गाँव में बसने कि हिम्मत करेगा वह बर्बाद हो जाएगा। इसलिए आज तक इस गाँव में कोई बस्ती नहीं बसा सका है। इतिहासकारो का मानना है कि यह गाँव 1825 ई में खाली हो गया था तथा तब से लेकर अब तक यह गाँव विरान पड़ा है। लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि ऐसा क्या हुआ था उस रात जिसके चलते आज तक यहाँ किसी ने रहने कि हिम्मत नहीं हुई? 

कुलधरा गाँव का इतिहास

कुलधरा गाँव राजस्थान के जैसलमेर जिले मे लगभग 1291ई के पास पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा बसाया गया था लेकिन गाँव कि राजनीतिक और सुरक्षा का भार जैसलमेर के शासकों के हाथों में ही था।जैसलमेर पर 1800 से 1860 के बीच में सालिम सिंह ने राज किया था तथा जैसलमेर की सम्पूर्ण राजनीति उन्हीं के हाथों में थी और 1825 में उन्होंने कुलधरा गाँव के पास एक हवेली बनवाई थी जिसे आज पटवो की हवेली के नाम से जाना जाता है तथा 1825 के बाद से ही कुलधरा विरान पड़ा है इसलिए इतिहास कार कुलधरा के विरान होने की कड़ी को सालिम सिंह के साथ जोड़कर देखते है और यह कुछ सत्य भी लगता है।

कुलधरा के बर्बादी कि कहानी

एक कहानी के अनुसार कुलधरा गाँव में पालीवाल ब्राह्मणों कि ही एक पुत्री शक्ति मैया रहा करती थी जो रूप में बहुत सुंदर थी तथा उसके सोन्दर्य की चर्चा बहुत दुर दुर तक थी ऐसे में एक दिन सालिम सिंह ने शक्ति मैया को देखा तभी से सालिम सिंह उसके साथ शादी करने के सपने देखने लगा और जब यह बात गाँव के पालीवाल ब्राह्मणों को पता चली तो उन्होंने इसके लिए साफ मना कर दिया तथा कहा कि यह हमारे नियमों के खिलाफ है।
इससे नाराज होकर सालिम सिंह ने गाँव वालों को धमकी दे दी कि अगर शक्ति मैया से उसकी शादी नहीं हुई तो वे पुरे गाँव को तबाह कर देंगे।इसके बाद गाँव वालों ने अपनी पंचायत बुलाई जिसमें उन्होंने गाँव छोड़कर जाने का तय किया तथा गाँव छोड़कर जाते समय उन्होंने श्राप दिया की जो कोई भी इस गाँव में बसने की कोशिश करके वह पुरी तरह बर्बाद हो जाएगा।लेकिन इस कहानी में कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता तथा कुछ लोगों का कहना की यह बाद में बनाई गईं कहानी है।

कुलधरा गाँव की सच्चाई

इसके अनुसार गाँव वाले सालिम सिंह के ज्यादा कर लगाने तथा उसके अत्याचारों से तंग आकर गाँव छोड़कर चले गए। लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि इस गाँव में पानी के समाप्त हो जाने के कारण लोग यहाँ से चले गए, कुछ इतिहास कारों का मानना है यह गाँव एक बहुत बड़े युद्ध या प्राकृतिक आपदा के कारण बर्बाद हुआ था लेकिन इसके ऊपर सवाल ये उठाते है कि इतने सालों तक इस गाँव में फिर से किसी ने कोई बस्ती क्यों नहीं बसाई है।

जैसलमेर का भूतिया गाँव

कुछ वैज्ञानिकों की मानें तो इस गाँव की जमीन बंजर तथा पानी की कमी आ जाने के कारण लोग गाँव छोड़कर चले गए, यह कुछ सत्य लगता है क्योंकि राजस्थान कि भूमि पर अधिक गर्मी के कारण धरती का पानी सूख जाता है गर्मी के मौसम में राजस्थान का सामान्य तापमान 45 से 55°C रहता है।

रात के समय गाँव में जाने पर पाबंदी क्यूँ

इस गाँव के आसपास बहुत सारा इलाका वर्षों से खाली पड़ा है क्योंकि बंजर जमीन, पानी की कमी और शहर से दुर होने के कारण यहाँ पर कोई नहीं रहता है इसके अलावा हमेशा से ही इसके बारे में लोगों में नकारात्मक विचार रहे है और यहाँ पर रहने वाले लोगों का मन भी इन्हीं नकारात्मक विचारों का शिकार हो जाता है जिसके चलते बेवजह ही लोगों में इसके प्रति डर बड़ गया है। तथा रात के समय पर यहाँ बहुत सारे खतरनाक जानवर घूमते हैं जो इन्सानो पर हमला कर देते है जिसके चलते सरकार ने इस पर रात के समय जाने पर पाबंदी लगा दी।
जैसलमेर का भूतिया गांव, कुलधरा गाँव का रहस्य, कुलधरा के बारे में बताएँ 
वक्त जिसके चलते दुनिया कि हर चिज बदल जाती है शाम, सवेरे में और सवेरा, शाम में बदल जाता है।इसी वक्त नेकुलधरा गाँव के इतिहास को बदला है, राजस्थान का जैसलमेर जिला और जैसलमेर जिले का कुलधरा गाँव इसी वक के चलते हजारों रहस्यमय घटनाओं को पिछे छोड़ दिया। जैसलमेर का कुलधरा गाँव अपनी घटनाओं के चलते हमेशा से ही लोगों में अपनी एक अलग पहचान रखता है, एक समय था जब कुलधरा गाँव एक बहुत सम्पन व समृद्ध गाँव हुआ करता था लेकिन वक्त के चलते यह गाँव रातों रात एक विरान खण्ड्हर में तब्दील हो गया। गाँव के आसपास रहने वाले लोगों का मानना है कि यहाँ आए दिन भूतिया घटनाएँ त होती रहती है, जर्जर और बंजर हालातो में पड़े ये अखण्डर आज भी इन रहस्यो से रूबरू करवाते है। इसलिए सरकार द्वारा रात के समय इसके अदंर जाने पर पाबंदी लगा दी गई है तथा दिन के समय जो टुरिस्ट गाँव को देखने आते है उनके साथ भी Security guards को भेजा जाता हैं।इस गाँव के अचानक विरान हो जाने से जुड़े बहुत सारे तथ्य है जिन्हें एक एक करके आज आपके सामने रखेंगे।आज जिन हालातो मेंकुलधरा गाँव  है हमेशा से यह ऐसा नहीं था बल्कि एक समय था जब यह काफी समृद्ध हुआ करता था लेकिन वक के हालातो ने इसे आज जर्जर कर दिया है।

कुलधरा गाँव कहां स्थित हैं?

 कुलधरा गाँव  राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित है जिसे आज से लगभग 200 साल पहले जैसलमेर के पालिवाल ब्राह्मणों ने बसाया था तथा बहुत बड़ी संख्या में यहाँ पर पालीवाल ब्राह्मण रहा करते थे। लेकिन एक समय ऐसा आया जिसके चलते रातों रात यह गाँव खाली हो गया तथा गाँव खाली करते वक्त गाँव वालों ने श्राप दे दिया कि जो कोई भी इस गाँव में बसने कि हिम्मत करेगा वह बर्बाद हो जाएगा। इसलिए आज तक इस गाँव में कोई बस्ती नहीं बसा सका है। इतिहासकारो का मानना है कि यह गाँव 1825 ई में खाली हो गया था तथा तब से लेकर अब तक यह गाँव विरान पड़ा है। लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि ऐसा क्या हुआ था उस रात जिसके चलते आज तक यहाँ किसी ने रहने कि हिम्मत नहीं हुई? 

कुलधरा गाँव का इतिहास 

कुलधरा गाँव राजस्थान के जैसलमेर जिले मे लगभग 1291ई के पास पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा बसाया गया था लेकिन गाँव कि राजनीतिक और सुरक्षा का भार जैसलमेर के शासकों के हाथों में ही था।जैसलमेर पर 1800 से 1860 के बीच में सालिम सिंह ने राज किया था तथा जैसलमेर की सम्पूर्ण राजनीति उन्हीं के हाथों में थी और 1825 में उन्होंने कुलधरा गाँव के पास एक हवेली बनवाई थी जिसे आज पटवो की हवेली के नाम से जाना जाता है तथा 1825 के बाद से ही कुलधरा विरान पड़ा है इसलिए इतिहास कार कुलधरा के विरान होने की कड़ी को सालिम सिंह के साथ जोड़कर देखते है और यह कुछ सत्य भी लगता है।

कुलधरा गाँव की बर्बादी का कारण 

एक कहानी के अनुसार कुलधरा गाँव में पालीवाल ब्राह्मणों कि ही एक पुत्री शक्ति मैया रहा करती थी जो रूप में बहुत सुंदर थी तथा उसके सोन्दर्य की चर्चा बहुत दुर दुर तक थी ऐसे में एक दिन सालिम सिंह ने शक्ति मैया को देखा तभी से सालिम सिंह उसके साथ शादी करने के सपने देखने लगा और जब यह बात गाँव के पालीवाल ब्राह्मणों को पता चली तो उन्होंने इसके लिए साफ मना कर दिया तथा कहा कि यह हमारे नियमों के खिलाफ है।
इससे नाराज होकर सालिम सिंह ने गाँव वालों को धमकी दे दी कि अगर शक्ति मैया से उसकी शादी नहीं हुई तो वे पुरे गाँव को तबाह कर देंगे।इसके बाद गाँव वालों ने अपनी पंचायत बुलाई जिसमें उन्होंने गाँव छोड़कर जाने का तय किया तथा गाँव छोड़कर जाते समय उन्होंने श्राप दिया की जो कोई भी इस गाँव में बसने की कोशिश करके वह पुरी तरह बर्बाद हो जाएगा।लेकिन इस कहानी में कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता तथा कुछ लोगों का कहना की यह बाद में बनाई गईं कहानी है।

दुसरी कहानी

इसके अनुसार गाँव वाले सालिम सिंह के ज्यादा कर लगाने तथा उसके अत्याचारों से तंग आकर गाँव छोड़कर चले गए। लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि इस गाँव में पानी के समाप्त हो जाने के कारण लोग यहाँ से चले गए, कुछ इतिहास कारों का मानना है यह गाँव एक बहुत बड़े युद्ध या प्राकृतिक आपदा के कारण बर्बाद हुआ था लेकिन इसके ऊपर सवाल ये उठाते है कि इतने सालों तक इस गाँव में फिर से किसी ने कोई बस्ती क्यों नहीं बसाई है।

वैज्ञानिक राय - कुलधरा गाँव 
कुछ वैज्ञानिकों की मानें तो इस गाँव की जमीन बंजर तथा पानी की कमी आ जाने के कारण लोग गाँव छोड़कर चले गए, यह कुछ सत्य लगता है क्योंकि राजस्थान कि भूमि पर अधिक गर्मी के कारण धरती का पानी सूख जाता है गर्मी के मौसम में राजस्थान का सामान्य तापमान 45 से 55°C रहता है।

रात के समय गाँव में जाने पर पाबंदी क्यूँ


इस गाँव के आसपास बहुत सारा इलाका वर्षों से खाली पड़ा है क्योंकि बंजर जमीन, पानी की कमी और शहर से दुर होने के कारण यहाँ पर कोई नहीं रहता है इसके अलावा हमेशा से ही इसके बारे में लोगों में नकारात्मक विचार रहे है और यहाँ पर रहने वाले लोगों का मन भी इन्हीं नकारात्मक विचारों का शिकार हो जाता है जिसके चलते बेवजह ही लोगों में इसके प्रति डर बड़ गया है। तथा रात के समय पर यहाँ बहुत सारे खतरनाक जानवर घूमते हैं जो इन्सानो पर हमला कर देते है जिसके चलते सरकार ने इस पर रात के समय जाने पर पाबंदी लगा दी।
जैसलमेर का भूतिया गांव, कुलधरा गाँव का रहस्य, कुलधरा के बारे में बताएँ 
वक्त जिसके चलते दुनिया कि हर चिज बदल जाती है शाम, सवेरे में और सवेरा, शाम में बदल जाता है।इसी वक्त नेकुलधरा गाँव के इतिहास को बदला है, राजस्थान का जैसलमेर जिला और जैसलमेर जिले का कुलधरा गाँव इसी वक के चलते हजारों रहस्यमय घटनाओं को पिछे छोड़ दिया। जैसलमेर का कुलधरा गाँव अपनी घटनाओं के चलते हमेशा से ही लोगों में अपनी एक अलग पहचान रखता है, एक समय था जब कुलधरा गाँव एक बहुत सम्पन व समृद्ध गाँव हुआ करता था लेकिन वक्त के चलते यह गाँव रातों रात एक विरान खण्ड्हर में तब्दील हो गया। गाँव के आसपास रहने वाले लोगों का मानना है कि यहाँ आए दिन भूतिया घटनाएँ त होती रहती है, जर्जर और बंजर हालातो में पड़े ये अखण्डर आज भी इन रहस्यो से रूबरू करवाते है। इसलिए सरकार द्वारा रात के समय इसके अदंर जाने पर पाबंदी लगा दी गई है तथा दिन के समय जो टुरिस्ट गाँव को देखने आते है उनके साथ भी Security guards को भेजा जाता हैं।इस गाँव के अचानक विरान हो जाने से जुड़े बहुत सारे तथ्य है जिन्हें एक एक करके आज आपके सामने रखेंगे।आज जिन हालातो मेंकुलधरा गाँव  है हमेशा से यह ऐसा नहीं था बल्कि एक समय था जब यह काफी समृद्ध हुआ करता था लेकिन वक के हालातो ने इसे आज जर्जर कर दिया है।

कुलधरा गाँव कहां स्थित हैं?

 कुलधरा गाँव  राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित है जिसे आज से लगभग 200 साल पहले जैसलमेर के पालिवाल ब्राह्मणों ने बसाया था तथा बहुत बड़ी संख्या में यहाँ पर पालीवाल ब्राह्मण रहा करते थे। लेकिन एक समय ऐसा आया जिसके चलते रातों रात यह गाँव खाली हो गया तथा गाँव खाली करते वक्त गाँव वालों ने श्राप दे दिया कि जो कोई भी इस गाँव में बसने कि हिम्मत करेगा वह बर्बाद हो जाएगा। इसलिए आज तक इस गाँव में कोई बस्ती नहीं बसा सका है। इतिहासकारो का मानना है कि यह गाँव 1825 ई में खाली हो गया था तथा तब से लेकर अब तक यह गाँव विरान पड़ा है। लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि ऐसा क्या हुआ था उस रात जिसके चलते आज तक यहाँ किसी ने रहने कि हिम्मत नहीं हुई? 

कुलधरा गाँव का इतिहास 

कुलधरा गाँव राजस्थान के जैसलमेर जिले मे लगभग 1291ई के पास पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा बसाया गया था लेकिन गाँव कि राजनीतिक और सुरक्षा का भार जैसलमेर के शासकों के हाथों में ही था।जैसलमेर पर 1800 से 1860 के बीच में सालिम सिंह ने राज किया था तथा जैसलमेर की सम्पूर्ण राजनीति उन्हीं के हाथों में थी और 1825 में उन्होंने कुलधरा गाँव के पास एक हवेली बनवाई थी जिसे आज पटवो की हवेली के नाम से जाना जाता है तथा 1825 के बाद से ही कुलधरा विरान पड़ा है इसलिए इतिहास कार कुलधरा के विरान होने की कड़ी को सालिम सिंह के साथ जोड़कर देखते है और यह कुछ सत्य भी लगता है।

कुलधरा गाँव की बर्बादी का कारण 

एक कहानी के अनुसार कुलधरा गाँव में पालीवाल ब्राह्मणों कि ही एक पुत्री शक्ति मैया रहा करती थी जो रूप में बहुत सुंदर थी तथा उसके सोन्दर्य की चर्चा बहुत दुर दुर तक थी ऐसे में एक दिन सालिम सिंह ने शक्ति मैया को देखा तभी से सालिम सिंह उसके साथ शादी करने के सपने देखने लगा और जब यह बात गाँव के पालीवाल ब्राह्मणों को पता चली तो उन्होंने इसके लिए साफ मना कर दिया तथा कहा कि यह हमारे नियमों के खिलाफ है।
इससे नाराज होकर सालिम सिंह ने गाँव वालों को धमकी दे दी कि अगर शक्ति मैया से उसकी शादी नहीं हुई तो वे पुरे गाँव को तबाह कर देंगे।इसके बाद गाँव वालों ने अपनी पंचायत बुलाई जिसमें उन्होंने गाँव छोड़कर जाने का तय किया तथा गाँव छोड़कर जाते समय उन्होंने श्राप दिया की जो कोई भी इस गाँव में बसने की कोशिश करके वह पुरी तरह बर्बाद हो जाएगा।लेकिन इस कहानी में कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता तथा कुछ लोगों का कहना की यह बाद में बनाई गईं कहानी है।

दुसरी कहानी

इसके अनुसार गाँव वाले सालिम सिंह के ज्यादा कर लगाने तथा उसके अत्याचारों से तंग आकर गाँव छोड़कर चले गए। लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि इस गाँव में पानी के समाप्त हो जाने के कारण लोग यहाँ से चले गए, कुछ इतिहास कारों का मानना है यह गाँव एक बहुत बड़े युद्ध या प्राकृतिक आपदा के कारण बर्बाद हुआ था लेकिन इसके ऊपर सवाल ये उठाते है कि इतने सालों तक इस गाँव में फिर से किसी ने कोई बस्ती क्यों नहीं बसाई है।

वैज्ञानिक राय - कुलधरा गाँव 

कुछ वैज्ञानिकों की मानें तो इस गाँव की जमीन बंजर तथा पानी की कमी आ जाने के कारण लोग गाँव छोड़कर चले गए, यह कुछ सत्य लगता है क्योंकि राजस्थान कि भूमि पर अधिक गर्मी के कारण धरती का पानी सूख जाता है गर्मी के मौसम में राजस्थान का सामान्य तापमान 45 से 55°C रहता है।

रात के समय गाँव में जाने पर पाबंदी क्यूँ

इस गाँव के आसपास बहुत सारा इलाका वर्षों से खाली पड़ा है क्योंकि बंजर जमीन, पानी की कमी और शहर से दुर होने के कारण यहाँ पर कोई नहीं रहता है इसके अलावा हमेशा से ही इसके बारे में लोगों में नकारात्मक विचार रहे है और यहाँ पर रहने वाले लोगों का मन भी इन्हीं नकारात्मक विचारों का शिकार हो जाता है जिसके चलते बेवजह ही लोगों में इसके प्रति डर बड़ गया है। तथा रात के समय पर यहाँ बहुत सारे खतरनाक जानवर घूमते हैं जो इन्सानो पर हमला कर देते है जिसके चलते सरकार ने इस पर रात के समय जाने पर पाबंदी लगा दी।

कुलधरा के बर्बादी कि कहानी

एक कहानी के अनुसार कुलधरा गाँव में पालीवाल ब्राह्मणों कि ही एक पुत्री शक्ति मैया रहा करती थी जो रूप में बहुत सुंदर थी तथा उसके सोन्दर्य की चर्चा बहुत दुर दुर तक थी ऐसे में एक दिन सालिम सिंह ने शक्ति मैया को देखा तभी से सालिम सिंह उसके साथ शादी करने के सपने देखने लगा और जब यह बात गाँव के पालीवाल ब्राह्मणों को पता चली तो उन्होंने इसके लिए साफ मना कर दिया तथा कहा कि यह हमारे नियमों के खिलाफ है।
इससे नाराज होकर सालिम सिंह ने गाँव वालों को धमकी दे दी कि अगर शक्ति मैया से उसकी शादी नहीं हुई तो वे पुरे गाँव को तबाह कर देंगे।इसके बाद गाँव वालों ने अपनी पंचायत बुलाई जिसमें उन्होंने गाँव छोड़कर जाने का तय किया तथा गाँव छोड़कर जाते समय उन्होंने श्राप दिया की जो कोई भी इस गाँव में बसने की कोशिश करके वह पुरी तरह बर्बाद हो जाएगा।लेकिन इस कहानी में कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता तथा कुछ लोगों का कहना की यह बाद में बनाई गईं कहानी है।

कुलधरा गाँव की सच्चाई

इसके अनुसार गाँव वाले सालिम सिंह के ज्यादा कर लगाने तथा उसके अत्याचारों से तंग आकर गाँव छोड़कर चले गए। लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि इस गाँव में पानी के समाप्त हो जाने के कारण लोग यहाँ से चले गए, कुछ इतिहास कारों का मानना है यह गाँव एक बहुत बड़े युद्ध या प्राकृतिक आपदा के कारण बर्बाद हुआ था लेकिन इसके ऊपर सवाल ये उठाते है कि इतने सालों तक इस गाँव में फिर से किसी ने कोई बस्ती क्यों नहीं बसाई है।

जैसलमेर का भूतिया गाँव

कुछ वैज्ञानिकों की मानें तो इस गाँव की जमीन बंजर तथा पानी की कमी आ जाने के कारण लोग गाँव छोड़कर चले गए, यह कुछ सत्य लगता है क्योंकि राजस्थान कि भूमि पर अधिक गर्मी के कारण धरती का पानी सूख जाता है गर्मी के मौसम में राजस्थान का सामान्य तापमान 45 से 55°C रहता है।

रात के समय गाँव में जाने पर पाबंदी क्यूँ

इस गाँव के आसपास बहुत सारा इलाका वर्षों से खाली पड़ा है क्योंकि बंजर जमीन, पानी की कमी और शहर से दुर होने के कारण यहाँ पर कोई नहीं रहता है इसके अलावा हमेशा से ही इसके बारे में लोगों में नकारात्मक विचार रहे है और यहाँ पर रहने वाले लोगों का मन भी इन्हीं नकारात्मक विचारों का शिकार हो जाता है जिसके चलते बेवजह ही लोगों में इसके प्रति डर बड़ गया है। तथा रात के समय पर यहाँ बहुत सारे खतरनाक जानवर घूमते हैं जो इन्सानो पर हमला कर देते है जिसके चलते सरकार ने इस पर रात के समय जाने पर पाबंदी लगा दी।

  1. सबसे डरावना गाँव कौनसा है?
  2. उतर- जैसलमेर का कुलधरा गाँव 
  3. कुलधरा गाँव कहां स्थित है?
  4. उतर- जैसलमेर जिले में
  5. कुलधरा गांव में कौन रहता है?
  6. कोई नहीं रहता है 

कुलधरा गाँव के इतिहास 

वक्त जिसके चलते दुनिया कि हर चिज बदल जाती है शाम, सवेरे में और सवेरा, शाम में बदल जाता है।इसी वक्त ने कुलधरा गाँव के इतिहास को बदला है, राजस्थान का जैसलमेर जिला और जैसलमेर जिले का कुलधरा गाँव जिसने वक के चलते हजारों रहस्यमय घटनाओं को पिछे छोड़ दिया। जैसलमेर का कुलधरा गाँव अपनी घटनाओं के चलते हमेशा से ही लोगों में अपनी एक अलग पहचान रखता है, एक समय था जब कुलधरा गाँव एक बहुत सम्पन व समृद्ध गाँव हुआ करता था लेकिन वक्त के चलते यह गाँव रातों रात एक विरान खण्ड्हर में तब्दील हो गया। गाँव के आसपास रहने वाले लोगों का मानना है कि यहाँ आए दिन भूतिया घटनाएँ घटित होती रहती है, जर्जर और बंजर हालातो में पड़े ये अखण्डर आज भी इन रहस्यो से रूबरू करवाते है। इसलिए सरकार द्वारा रात के समय इसके अदंर जाने पर पाबंदी लगा दी गई है तथा दिन के समय जो टुरिस्ट गाँव को देखने आते है उनके साथ भी Security guards को भेजा जाता हैं।इस गाँव के अचानक विरान हो जाने से जुड़े बहुत सारे तथ्य है जिन्हें एक एक करके आज आपके सामने रखेंगे।आज जिन हालातो में कुलधरा गाँव है हमेशा से यह ऐसा नहीं था बल्कि एक समय था जब यह काफी समृद्ध हुआ करता था लेकिन वक के हालातो ने इसे आज जर्जर कर दिया है।

कुलधरा गाँव कहां स्थित हैं? 

कुलधरा गाँव राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित है जिसे आज से लगभग 200 साल पहले जैसलमेर के पालिवाल ब्राह्मणों ने बसाया था तथा बहुत बड़ी संख्या में यहाँ पर पालीवाल ब्राह्मण रहा करते थे। लेकिन एक समय ऐसा आया जिसके चलते रातों रात यह गाँव खाली हो गया तथा गाँव खाली करते वक्त गाँव वालों ने श्राप दे दिया कि जो कोई भी इस गाँव में बसने कि हिम्मत करेगा वह बर्बाद हो जाएगा। इसलिए आज तक इस गाँव में कोई बस्ती नहीं बसा सका है। इतिहासकारो का मानना है कि यह गाँव 1825 ई में खाली हो गया था तथा तब से लेकर अब तक यह गाँव विरान पड़ा है। लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि ऐसा क्या हुआ था उस रात जिसके चलते आज तक यहाँ किसी ने रहने कि हिम्मत नहीं हुई? 

कुलधरा गाँव का इतिहास

कुलधरा गाँव राजस्थान के जैसलमेर जिले मे लगभग 1291ई के पास पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा बसाया गया था लेकिन गाँव कि राजनीतिक और सुरक्षा का भार जैसलमेर के शासकों के हाथों में ही था।जैसलमेर पर 1800 से 1860 के बीच में सालिम सिंह ने राज किया था तथा जैसलमेर की सम्पूर्ण राजनीति उन्हीं के हाथों में थी और 1825 में उन्होंने कुलधरा गाँव के पास एक हवेली बनवाई थी जिसे आज पटवो की हवेली के नाम से जाना जाता है तथा 1825 के बाद से ही कुलधरा विरान पड़ा है इसलिए इतिहास कार कुलधरा के विरान होने की कड़ी को सालिम सिंह के साथ जोड़कर देखते है और यह कुछ सत्य भी लगता है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
close