भानगढ़ का किला का रहस्य

भानगढ़ का किला का रहस्य

कहा जाता है कि जो पुरा सच होता है वो दिन के  उज्जाले में नजर आता है लेकिन कुछ सच ऐसे होते हैं जिनकी तलाश सिर्फ रात के अधेंरे में ही कि जा सकती हैं।अगर आप जानना चाहते है कि क्या है भानगढ़ किले का रहस्य?  आप बिल्कुल सही जगह पर आये हैं।जस्थान का अलवर जिला, अलवर जिले का भानगढ़ और भानगढ़ का वह किला जो पिच्छले 400 सालों से अपने अदंर हजारों रहस्यों को समेटे हुए हैं।भानगढ़ का किला भारत का सबसे खतरनाक और भुतिया जगहों मे से एक है जहाँ पर रात में जाने वाला व्यक्ति अगलि सुभह नहीं देख पाता हैं। अब आप इसे कहानी समझें या सच, लेकिन राजस्थान कि एकमात्र जगह है यह भानगढ़ का किला जहाँ पर रात के समय जाने पर सरकार द्वारा प्रतिबधं लगाया गया हैं। और सरकार कि permission के बिना रात के समय इस किले में जाना गैर कानुनि घोषित किया गया हैं।लेकिन कहानी सिर्फ इतनी ही नहीं हैं क्योंकि इस किले के रहस्य विज्ञान की समझ के भी परे हैं। आज के समय में लोग विज्ञान को प्रकृति से भी आगे समझने लगे हैं।

भानगढ का किले का रहस्य

bhangarh ka rahasya

क्या सच में सुरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 पहले मर चुका यह शहर? क्या सच में एक रात यहां बिताने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता? क्यों आती है रानी के महल से घूंधरूओं कि आवाज? क्यों हर पल जिन के मदिंर में किसी रहस्य कि आहट? क्या सच में भूतों का अढ्ढा है भानगढ़ का किला? ऐसे एक नहीं हजारों सवालों और रहस्यों को समेटे हुए है भानगढ़ का किला।ऐसे ही कुछ रहस्यों को हम यहाँ आपके सामने रखने वाले हैं।

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भानगढ़ का किला राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का अभ्यारण के आस पास के इलाके में आता है जो कि चारो ओर से घने जगंलों और पहाड़ों से घिरा हुआ क्षेत्र हैं। जहाँ पर एक समय राजस्थान के राजा महाराजाओं का राज रहा था और आज यह शहर इस तरह उजड़ गया है कि शाम होने के बाद यहाँ पर लोगों को कदम रखने पर पाबधिं हैं।

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।

● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।

● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

कहा जाता है कि जो पुरा सच होता है वो दिन के  उज्जाले में नजर आता है लेकिन कुछ सच ऐसे होते हैं जिनकी तलाश सिर्फ रात के अधेंरे में ही कि जा सकती हैं।अगर आप जानना चाहते है कि क्या है भानगढ़ किले का रहस्य?  आप बिल्कुल सही जगह पर आये हैं।जस्थान का अलवर जिला, अलवर जिले का भानगढ़ और भानगढ़ का वह किला जो पिच्छले 400 सालों से अपने अदंर हजारों रहस्यों को समेटे हुए हैं।भानगढ़ का किला भारत का सबसे खतरनाक और भुतिया जगहों मे से एक है जहाँ पर रात में जाने वाला व्यक्ति अगलि सुभह नहीं देख पाता हैं। अब आप इसे कहानी समझें या सच, लेकिन राजस्थान कि एकमात्र जगह है यह भानगढ़ का किला जहाँ पर रात के समय जाने पर सरकार द्वारा प्रतिबधं लगाया गया हैं। और सरकार कि permission के बिना रात के समय इस किले में जाना गैर कानुनि घोषित किया गया हैं।लेकिन कहानी सिर्फ इतनी ही नहीं हैं क्योंकि इस किले के रहस्य विज्ञान की समझ के भी परे हैं। आज के समय में लोग विज्ञान को प्रकृति से भी आगे समझने लगे हैं। 

क्या सच में सुरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 पहले मर चुका यह शहर? क्या सच में एक रात यहां बिताने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता? क्यों आती है रानी के महल से घूंधरूओं कि आवाज? क्यों हर पल जिन के मदिंर में किसी रहस्य कि आहट? क्या सच में भूतों का अढ्ढा है भानगढ़ का किला? ऐसे एक नहीं हजारों सवालों और रहस्यों को समेटे हुए है भानगढ़ का किला।ऐसे ही कुछ रहस्यों को हम यहाँ आपके सामने रखने वाले हैं।

भानगढ़ का किला राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का अभ्यारण के आस पास के इलाके में आता है जो कि चारो ओर से घने जगंलों और पहाड़ों से घिरा हुआ क्षेत्र हैं। जहाँ पर एक समय राजस्थान के राजा महाराजाओं का राज रहा था और आज यह शहर इस तरह उजड़ गया है कि शाम होने के बाद यहाँ पर लोगों को कदम रखने पर पाबधिं हैं।

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।

● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।

● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।

● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।

● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

कहा जाता है कि जो पुरा सच होता है वो दिन के  उज्जाले में नजर आता है लेकिन कुछ सच ऐसे होते हैं जिनकी तलाश सिर्फ रात के अधेंरे में ही कि जा सकती हैं।अगर आप जानना चाहते है कि क्या है भानगढ़ किले का रहस्य?  आप बिल्कुल सही जगह पर आये हैं।जस्थान का अलवर जिला, अलवर जिले का भानगढ़ और भानगढ़ का वह किला जो पिच्छले 400 सालों से अपने अदंर हजारों रहस्यों को समेटे हुए हैं।भानगढ़ का किला भारत का सबसे खतरनाक और भुतिया जगहों मे से एक है जहाँ पर रात में जाने वाला व्यक्ति अगलि सुभह नहीं देख पाता हैं। अब आप इसे कहानी समझें या सच, लेकिन राजस्थान कि एकमात्र जगह है यह भानगढ़ का किला जहाँ पर रात के समय जाने पर सरकार द्वारा प्रतिबधं लगाया गया हैं। और सरकार कि permission के बिना रात के समय इस किले में जाना गैर कानुनि घोषित किया गया हैं।लेकिन कहानी सिर्फ इतनी ही नहीं हैं क्योंकि इस किले के रहस्य विज्ञान की समझ के भी परे हैं। आज के समय में लोग विज्ञान को प्रकृति से भी आगे समझने लगे हैं।

भानगढ़ का किला राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का अभ्यारण के आस पास के इलाके में आता है जो कि चारो ओर से घने जगंलों और पहाड़ों से घिरा हुआ क्षेत्र हैं। जहाँ पर एक समय राजस्थान के राजा महाराजाओं का राज रहा था और आज यह शहर इस तरह उजड़ गया है कि शाम होने के बाद यहाँ पर लोगों को कदम रखने पर पाबधिं हैं।

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी

● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।

● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

 आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।

● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।

● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

भानगढ़ किले का रहस्य?  आप बिल्कुल सही जगह पर आये हैं।जस्थान का अलवर जिला, अलवर जिले का भानगढ़ और भानगढ़ का वह किला जो पिच्छले 400 सालों से अपने अदंर हजारों रहस्यों को समेटे हुए हैं।भानगढ़ का किला भारत का सबसे खतरनाक और भुतिया जगहों मे से एक है जहाँ पर रात में जाने वाला व्यक्ति अगलि सुभह नहीं देख पाता हैं। अब आप इसे कहानी समझें या सच, लेकिन राजस्थान कि एकमात्र जगह है यह भानगढ़ का किला जहाँ पर रात के समय जाने पर सरकार द्वारा प्रतिबधं लगाया गया हैं। और सरकार कि permission के बिना रात के समय इस किले में जाना गैर कानुनि घोषित किया गया हैं।लेकिन कहानी सिर्फ इतनी ही नहीं हैं क्योंकि इस किले के रहस्य विज्ञान की समझ के भी परे हैं। आज के समय में लोग विज्ञान को प्रकृति से भी आगे समझने लगे हैं।

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।

● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।

● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

कहा जाता है कि जो पुरा सच होता है वो दिन के  उज्जाले में नजर आता है लेकिन कुछ सच ऐसे होते हैं जिनकी तलाश सिर्फ रात के अधेंरे में ही कि जा सकती हैं।अगर आप जानना चाहते है कि क्या है भानगढ़ किले का रहस्य?  आप बिल्कुल सही जगह पर आये हैं।जस्थान का अलवर जिला, अलवर जिले का भानगढ़ और भानगढ़ का वह किला जो पिच्छले 400 सालों से अपने अदंर हजारों रहस्यों को समेटे हुए हैं।भानगढ़ का किला भारत का सबसे खतरनाक और भुतिया जगहों मे से एक है जहाँ पर रात में जाने वाला व्यक्ति अगलि सुभह नहीं देख पाता हैं। अब आप इसे कहानी समझें या सच, लेकिन राजस्थान कि एकमात्र जगह है यह भानगढ़ का किला जहाँ पर रात के समय जाने पर सरकार द्वारा प्रतिबधं लगाया गया हैं। और सरकार कि permission के बिना रात के समय इस किले में जाना गैर कानुनि घोषित किया गया हैं।लेकिन कहानी सिर्फ इतनी ही नहीं हैं क्योंकि इस किले के रहस्य विज्ञान की समझ के भी परे हैं। आज के समय में लोग विज्ञान को प्रकृति से भी आगे समझने लगे  आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।

● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।

● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

 आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।

● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।

● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

कहा जाता है कि जो पुरा सच होता है वो दिन के  उज्जाले में नजर आता है लेकिन कुछ सच ऐसे होते हैं जिनकी तलाश सिर्फ रात के अधेंरे में ही कि जा सकती हैं।अगर आप जानना चाहते है कि क्या है भानगढ़ किले का रहस्य?  आप बिल्कुल सही जगह पर आये हैं।जस्थान का अलवर जिला, अलवर जिले का भानगढ़ और भानगढ़ का वह किला जो पिच्छले 400 सालों से अपने अदंर हजारों रहस्यों को समेटे हुए हैं।भानगढ़ का किला भारत का सबसे खतरनाक और भुतिया जगहों मे से एक है जहाँ पर रात में जाने वाला व्यक्ति अगलि सुभह नहीं देख पाता हैं। अब आप इसे कहानी समझें या सच, लेकिन राजस्थान कि एकमात्र जगह है यह भानगढ़ का किला जहाँ पर रात के समय जाने पर सरकार द्वारा प्रतिबधं लगाया गया हैं। और सरकार कि permission के बिना रात के समय इस किले में जाना गैर कानुनि घोषित किया गया हैं।लेकिन कहानी सिर्फ इतनी ही नहीं हैं क्योंकि इस किले के रहस्य विज्ञान की समझ के भी परे हैं। आज के समय में लोग विज्ञान को प्रकृति से भी आगे समझने लगे हैं

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।

● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।

● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।


● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।


● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

आशा करता हुॅं कि आपको आज का हमारा यह article पसंद आया होगा। अगर आपको ऐसे और भी articles पढ़ने हैं तो हमें follow करें।अगर आपको हमारि यह पोस्ट अच्छि लगे तो Social media पर ज्यादा से ज्यादा share करें, comment करें  और अगर आपको कोई प्रशन पुच्छने हैं तो बेजिझक होकर पुच्छ सकते हैं। और उम्मीद करता हुॅं कि ये पोस्ट आपके लिए उपयोगी और knowledge full होगी। 

धन्यवाद.......कहा जाता है कि जो पुरा सच होता है वो दिन के  उज्जाले में नजर आता है लेकिन कुछ सच ऐसे होते हैं जिनकी तलाश सिर्फ रात के अधेंरे में ही कि जा सकती हैं।अगर आप जानना चाहते है कि क्या है भानगढ़ किले का रहस्य?  आप बिल्कुल सही जगह पर आये हैं।जस्थान का अलवर जिला, अलवर जिले का भानगढ़ और भानगढ़ का वह किला जो पिच्छले 400 सालों से अपने अदंर हजारों रहस्यों को समेटे हुए हैं।भानगढ़ का किला भारत का सबसे खतरनाक और भुतिया जगहों मे से एक है जहाँ पर रात में जाने वाला व्यक्ति अगलि सुभह नहीं देख पाता हैं। अब आप इसे कहानी समझें या सच, लेकिन राजस्थान कि एकमात्र जगह है यह भानगढ़ का किला जहाँ पर रात के समय जाने पर सरकार द्वारा प्रतिबधं लगाया गया हैं। और सरकार कि permission के बिना रात के समय इस किले में जाना गैर कानुनि घोषित किया गया हैं।लेकिन कहानी सिर्फ इतनी ही नहीं हैं क्योंकि इस किले के रहस्य विज्ञान की समझ के भी परे हैं। आज के समय में लोग विज्ञान को प्रकृति से भी आगे समझने लगे हैं।

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भानगढ का किले का रहस्य

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क्या सच में सुरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 पहले मर चुका यह शहर? क्या सच में एक रात यहां बिताने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता? क्यों आती है रानी के महल से घूंधरूओं कि आवाज? क्यों हर पल जिन के मदिंर में किसी रहस्य कि आहट? क्या सच में भूतों का अढ्ढा हैभानगढ़ का किला? ऐसे एक नहीं हजारों सवालों और रहस्यों को समेटे हुए है भानगढ़ का किला।ऐसे ही कुछ रहस्यों को हम यहाँ आपके सामने रखने वाले हैं।

आज आप यहाँ पर निम्नलिखित सवालों के जवाब विस्तार से जानेगें। 

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है? 

●  क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

●  क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं? 

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

● क्या सच में भूतों का अढ्ढा है भानगढ़ का किला?

● क्या सच में सूरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 साल पहले मर चुका यह शहर? 

● क्यों है भानगढ़ में खोफ का साया?



भानगढ़ का किला राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का अभ्यारण के आस पास के इलाके में आता है जो कि चारो ओर से घने जगंलों और पहाड़ों से घिरा हुआ क्षेत्र हैं। जहाँ पर एक समय राजस्थान के राजा महाराजाओं का राज रहा था और आज यह शहर इस तरह उजड़ गया है कि शाम होने के बाद यहाँ पर लोगों को कदम रखने पर पाबधिं हैं।

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।


● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।


● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

कहा जाता है कि जो पुरा सच होता है वो दिन के  उज्जाले में नजर आता है लेकिन कुछ सच ऐसे होते हैं जिनकी तलाश सिर्फ रात के अधेंरे में ही कि जा सकती हैं।अगर आप जानना चाहते है कि क्या है भानगढ़ किले का रहस्य?  आप बिल्कुल सही जगह पर आये हैं।जस्थान का अलवर जिला, अलवर जिले का भानगढ़ और भानगढ़ का वह किला जो पिच्छले 400 सालों से अपने अदंर हजारों रहस्यों को समेटे हुए हैं।भानगढ़ का किला भारत का सबसे खतरनाक और भुतिया जगहों मे से एक है जहाँ पर रात में जाने वाला व्यक्ति अगलि सुभह नहीं देख पाता हैं। अब आप इसे कहानी समझें या सच, लेकिन राजस्थान कि एकमात्र जगह है यह भानगढ़ का किला जहाँ पर रात के समय जाने पर सरकार द्वारा प्रतिबधं लगाया गया हैं। और सरकार कि permission के बिना रात के समय इस किले में जाना गैर कानुनि घोषित किया गया हैं।लेकिन कहानी सिर्फ इतनी ही नहीं हैं क्योंकि इस किले के रहस्य विज्ञान की समझ के भी परे हैं। आज के समय में लोग विज्ञान को प्रकृति से भी आगे समझने लगे हैं। 


क्या सच में सुरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 पहले मर चुका यह शहर? क्या सच में एक रात यहां बिताने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता? क्यों आती है रानी के महल से घूंधरूओं कि आवाज? क्यों हर पल जिन के मदिंर में किसी रहस्य कि आहट? क्या सच में भूतों का अढ्ढा है भानगढ़ का किला? ऐसे एक नहीं हजारों सवालों और रहस्यों को समेटे हुए है भानगढ़ का किला।ऐसे ही कुछ रहस्यों को हम यहाँ आपके सामने रखने वाले हैं।

आज आप यहाँ पर निम्नलिखित सवालों के जवाब विस्तार से जानेगें। 

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है? 

●  क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

●  क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं? 

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

● क्या सच में भूतों का अढ्ढा है भानगढ़ का किला?

● क्या सच में सूरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 साल पहले मर चुका यह शहर? 

● क्यों है भानगढ़ में खोफ का साया?

भानगढ़ का किला राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का अभ्यारण के आस पास के इलाके में आता है जो कि चारो ओर से घने जगंलों और पहाड़ों से घिरा हुआ क्षेत्र हैं। जहाँ पर एक समय राजस्थान के राजा महाराजाओं का राज रहा था और आज यह शहर इस तरह उजड़ गया है कि शाम होने के बाद यहाँ पर लोगों को कदम रखने पर पाबधिं हैं।


● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।


● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।


● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

● आज आपने क्या शिखा? 

दोस्तों आज हमने भानगढ़ के किले के बारे में कुछ रहस्यमय तथ्यों पर से पड़दा ऊढाने कि कौशिस की।और जाना कि भानगढ़ का इतिहास क्या रहा है? भानगढ़ किले का निर्माण किसने करवाया था? रानी रत्नावती की प्रसिद्ध कहानी, क्यों भानगढ़ को भूतों का किला कहा जाता है? क्यों सरकार को रात के समय यहाँ जाने पर पाबंधि लगानी पड़ी? ऐसे और भी बहुत सारे सवालों के जवाब आज हमने आपको बताने कि कोशिस कि हैं। हमारा उद्धेश्य यही है कि लोगों को किसी भी सवाल का positive answer दे सकें। अगर यहाँ पर हम negative energy के स्थान पर भूत प्रेत जैसे शब्दों का इस्तमाल करते तो सायद गलत होता।

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।


● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।


● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

कहा जाता है कि जो पुरा सच होता है वो दिन के  उज्जाले में नजर आता है लेकिन कुछ सच ऐसे होते हैं जिनकी तलाश सिर्फ रात के अधेंरे में ही कि जा सकती हैं।अगर आप जानना चाहते है कि क्या है भानगढ़ किले का रहस्य?  आप बिल्कुल सही जगह पर आये हैं।जस्थान का अलवर जिला, अलवर जिले का भानगढ़ और भानगढ़ का वह किला जो पिच्छले 400 सालों से अपने अदंर हजारों रहस्यों को समेटे हुए हैं।भानगढ़ का किला भारत का सबसे खतरनाक और भुतिया जगहों मे से एक है जहाँ पर रात में जाने वाला व्यक्ति अगलि सुभह नहीं देख पाता हैं। अब आप इसे कहानी समझें या सच, लेकिन राजस्थान कि एकमात्र जगह है यह भानगढ़ का किला जहाँ पर रात के समय जाने पर सरकार द्वारा प्रतिबधं लगाया गया हैं। और सरकार कि permission के बिना रात के समय इस किले में जाना गैर कानुनि घोषित किया गया हैं।लेकिन कहानी सिर्फ इतनी ही नहीं हैं क्योंकि इस किले के रहस्य विज्ञान की समझ के भी परे हैं। आज के समय में लोग विज्ञान को प्रकृति से भी आगे समझने लगे हैं। 


क्या सच में सुरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 पहले मर चुका यह शहर? क्या सच में एक रात यहां बिताने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता? क्यों आती है रानी के महल से घूंधरूओं कि आवाज? क्यों हर पल जिन के मदिंर में किसी रहस्य कि आहट? क्या सच में भूतों का अढ्ढा है भानगढ़ का किला? ऐसे एक नहीं हजारों सवालों और रहस्यों को समेटे हुए है भानगढ़ का किला।ऐसे ही कुछ रहस्यों को हम यहाँ आपके सामने रखने वाले हैं।

आज आप यहाँ पर निम्नलिखित सवालों के जवाब विस्तार से जानेगें। 

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है? 

●  क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

●  क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं? 

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

● क्या सच में भूतों का अढ्ढा है भानगढ़ का किला?

● क्या सच में सूरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 साल पहले मर चुका यह शहर? 

● क्यों है भानगढ़ में खोफ का साया?

भानगढ़ का किला राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का अभ्यारण के आस पास के इलाके में आता है जो कि चारो ओर से घने जगंलों और पहाड़ों से घिरा हुआ क्षेत्र हैं। जहाँ पर एक समय राजस्थान के राजा महाराजाओं का राज रहा था और आज यह शहर इस तरह उजड़ गया है कि शाम होने के बाद यहाँ पर लोगों को कदम रखने पर पाबधिं हैं।


● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।


● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।


● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

● आज आपने क्या शिखा? 

दोस्तों आज हमने भानगढ़ के किले के बारे में कुछ रहस्यमय तथ्यों पर से पड़दा ऊढाने कि कौशिस की।और जाना कि भानगढ़ का इतिहास क्या रहा है? भानगढ़ किले का निर्माण किसने करवाया था? रानी रत्नावती की प्रसिद्ध कहानी, क्यों भानगढ़ को भूतों का किला कहा जाता है? क्यों सरकार को रात के समय यहाँ जाने पर पाबंधि लगानी पड़ी? ऐसे और भी बहुत सारे सवालों के जवाब आज हमने आपको बताने कि कोशिस कि हैं। हमारा उद्धेश्य यही है कि लोगों को किसी भी सवाल का positive answer दे सकें। अगर यहाँ पर हम negative energy के स्थान पर भूत प्रेत जैसे शब्दों का इस्तमाल करते तो सायद गलत होता।

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।


● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।


● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

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धन्यवाद.......

कहा जाता है कि जो पुरा सच होता है वो दिन के  उज्जाले में नजर आता है लेकिन कुछ सच ऐसे होते हैं जिनकी तलाश सिर्फ रात के अधेंरे में ही कि जा सकती हैं।अगर आप जानना चाहते है कि क्या है भानगढ़ किले का रहस्य?  आप बिल्कुल सही जगह पर आये हैं।जस्थान का अलवर जिला, अलवर जिले का भानगढ़ और भानगढ़ का वह किला जो पिच्छले 400 सालों से अपने अदंर हजारों रहस्यों को समेटे हुए हैं।भानगढ़ का किला भारत का सबसे खतरनाक और भुतिया जगहों मे से एक है जहाँ पर रात में जाने वाला व्यक्ति अगलि सुभह नहीं देख पाता हैं। अब आप इसे कहानी समझें या सच, लेकिन राजस्थान कि एकमात्र जगह है यह भानगढ़ का किला जहाँ पर रात के समय जाने पर सरकार द्वारा प्रतिबधं लगाया गया हैं। और सरकार कि permission के बिना रात के समय इस किले में जाना गैर कानुनि घोषित किया गया हैं।लेकिन कहानी सिर्फ इतनी ही नहीं हैं क्योंकि इस किले के रहस्य विज्ञान की समझ के भी परे हैं। आज के समय में लोग विज्ञान को प्रकृति से भी आगे समझने लगे हैं।

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भानगढ का किले का रहस्य

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क्या सच में सुरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 पहले मर चुका यह शहर? क्या सच में एक रात यहां बिताने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता? क्यों आती है रानी के महल से घूंधरूओं कि आवाज? क्यों हर पल जिन के मदिंर में किसी रहस्य कि आहट? क्या सच में भूतों का अढ्ढा हैभानगढ़ का किला? ऐसे एक नहीं हजारों सवालों और रहस्यों को समेटे हुए है भानगढ़ का किला।ऐसे ही कुछ रहस्यों को हम यहाँ आपके सामने रखने वाले हैं।

आज आप यहाँ पर निम्नलिखित सवालों के जवाब विस्तार से जानेगें। 

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है? 

●  क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

●  क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं? 

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

● क्या सच में भूतों का अढ्ढा है भानगढ़ का किला?

● क्या सच में सूरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 साल पहले मर चुका यह शहर? 

● क्यों है भानगढ़ में खोफ का साया?



भानगढ़ का किला राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का अभ्यारण के आस पास के इलाके में आता है जो कि चारो ओर से घने जगंलों और पहाड़ों से घिरा हुआ क्षेत्र हैं। जहाँ पर एक समय राजस्थान के राजा महाराजाओं का राज रहा था और आज यह शहर इस तरह उजड़ गया है कि शाम होने के बाद यहाँ पर लोगों को कदम रखने पर पाबधिं हैं।

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।


● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।


● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

कहा जाता है कि जो पुरा सच होता है वो दिन के  उज्जाले में नजर आता है लेकिन कुछ सच ऐसे होते हैं जिनकी तलाश सिर्फ रात के अधेंरे में ही कि जा सकती हैं।अगर आप जानना चाहते है कि क्या है भानगढ़ किले का रहस्य?  आप बिल्कुल सही जगह पर आये हैं।जस्थान का अलवर जिला, अलवर जिले का भानगढ़ और भानगढ़ का वह किला जो पिच्छले 400 सालों से अपने अदंर हजारों रहस्यों को समेटे हुए हैं।भानगढ़ का किला भारत का सबसे खतरनाक और भुतिया जगहों मे से एक है जहाँ पर रात में जाने वाला व्यक्ति अगलि सुभह नहीं देख पाता हैं। अब आप इसे कहानी समझें या सच, लेकिन राजस्थान कि एकमात्र जगह है यह भानगढ़ का किला जहाँ पर रात के समय जाने पर सरकार द्वारा प्रतिबधं लगाया गया हैं। और सरकार कि permission के बिना रात के समय इस किले में जाना गैर कानुनि घोषित किया गया हैं।लेकिन कहानी सिर्फ इतनी ही नहीं हैं क्योंकि इस किले के रहस्य विज्ञान की समझ के भी परे हैं। आज के समय में लोग विज्ञान को प्रकृति से भी आगे समझने लगे हैं। 


क्या सच में सुरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 पहले मर चुका यह शहर? क्या सच में एक रात यहां बिताने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता? क्यों आती है रानी के महल से घूंधरूओं कि आवाज? क्यों हर पल जिन के मदिंर में किसी रहस्य कि आहट? क्या सच में भूतों का अढ्ढा है भानगढ़ का किला? ऐसे एक नहीं हजारों सवालों और रहस्यों को समेटे हुए है भानगढ़ का किला।ऐसे ही कुछ रहस्यों को हम यहाँ आपके सामने रखने वाले हैं।

आज आप यहाँ पर निम्नलिखित सवालों के जवाब विस्तार से जानेगें। 

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है? 

●  क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

●  क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं? 

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

● क्या सच में भूतों का अढ्ढा है भानगढ़ का किला?

● क्या सच में सूरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 साल पहले मर चुका यह शहर? 

● क्यों है भानगढ़ में खोफ का साया?

भानगढ़ का किला राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का अभ्यारण के आस पास के इलाके में आता है जो कि चारो ओर से घने जगंलों और पहाड़ों से घिरा हुआ क्षेत्र हैं। जहाँ पर एक समय राजस्थान के राजा महाराजाओं का राज रहा था और आज यह शहर इस तरह उजड़ गया है कि शाम होने के बाद यहाँ पर लोगों को कदम रखने पर पाबधिं हैं।


● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।


● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।


● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

● आज आपने क्या शिखा? 

दोस्तों आज हमने भानगढ़ के किले के बारे में कुछ रहस्यमय तथ्यों पर से पड़दा ऊढाने कि कौशिस की।और जाना कि भानगढ़ का इतिहास क्या रहा है? भानगढ़ किले का निर्माण किसने करवाया था? रानी रत्नावती की प्रसिद्ध कहानी, क्यों भानगढ़ को भूतों का किला कहा जाता है? क्यों सरकार को रात के समय यहाँ जाने पर पाबंधि लगानी पड़ी? ऐसे और भी बहुत सारे सवालों के जवाब आज हमने आपको बताने कि कोशिस कि हैं। हमारा उद्धेश्य यही है कि लोगों को किसी भी सवाल का positive answer दे सकें। अगर यहाँ पर हम negative energy के स्थान पर भूत प्रेत जैसे शब्दों का इस्तमाल करते तो सायद गलत होता।

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।


● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।


● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

कहा जाता है कि जो पुरा सच होता है वो दिन के  उज्जाले में नजर आता है लेकिन कुछ सच ऐसे होते हैं जिनकी तलाश सिर्फ रात के अधेंरे में ही कि जा सकती हैं।अगर आप जानना चाहते है कि क्या है भानगढ़ किले का रहस्य?  आप बिल्कुल सही जगह पर आये हैं।जस्थान का अलवर जिला, अलवर जिले का भानगढ़ और भानगढ़ का वह किला जो पिच्छले 400 सालों से अपने अदंर हजारों रहस्यों को समेटे हुए हैं।भानगढ़ का किला भारत का सबसे खतरनाक और भुतिया जगहों मे से एक है जहाँ पर रात में जाने वाला व्यक्ति अगलि सुभह नहीं देख पाता हैं। अब आप इसे कहानी समझें या सच, लेकिन राजस्थान कि एकमात्र जगह है यह भानगढ़ का किला जहाँ पर रात के समय जाने पर सरकार द्वारा प्रतिबधं लगाया गया हैं। और सरकार कि permission के बिना रात के समय इस किले में जाना गैर कानुनि घोषित किया गया हैं।लेकिन कहानी सिर्फ इतनी ही नहीं हैं क्योंकि इस किले के रहस्य विज्ञान की समझ के भी परे हैं। आज के समय में लोग विज्ञान को प्रकृति से भी आगे समझने लगे हैं। 


क्या सच में सुरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 पहले मर चुका यह शहर? क्या सच में एक रात यहां बिताने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता? क्यों आती है रानी के महल से घूंधरूओं कि आवाज? क्यों हर पल जिन के मदिंर में किसी रहस्य कि आहट? क्या सच में भूतों का अढ्ढा है भानगढ़ का किला? ऐसे एक नहीं हजारों सवालों और रहस्यों को समेटे हुए है भानगढ़ का किला।ऐसे ही कुछ रहस्यों को हम यहाँ आपके सामने रखने वाले हैं।

आज आप यहाँ पर निम्नलिखित सवालों के जवाब विस्तार से जानेगें। 

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है? 

●  क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

●  क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं? 

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

● क्या सच में भूतों का अढ्ढा है भानगढ़ का किला?

● क्या सच में सूरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 साल पहले मर चुका यह शहर? 

● क्यों है भानगढ़ में खोफ का साया?

भानगढ़ का किला राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का अभ्यारण के आस पास के इलाके में आता है जो कि चारो ओर से घने जगंलों और पहाड़ों से घिरा हुआ क्षेत्र हैं। जहाँ पर एक समय राजस्थान के राजा महाराजाओं का राज रहा था और आज यह शहर इस तरह उजड़ गया है कि शाम होने के बाद यहाँ पर लोगों को कदम रखने पर पाबधिं हैं।


● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।


● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।


● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

● आज आपने क्या शिखा? 

दोस्तों आज हमने भानगढ़ के किले के बारे में कुछ रहस्यमय तथ्यों पर से पड़दा ऊढाने कि कौशिस की।और जाना कि भानगढ़ का इतिहास क्या रहा है? भानगढ़ किले का निर्माण किसने करवाया था? रानी रत्नावती की प्रसिद्ध कहानी, क्यों भानगढ़ को भूतों का किला कहा जाता है? क्यों सरकार को रात के समय यहाँ जाने पर पाबंधि लगानी पड़ी? ऐसे और भी बहुत सारे सवालों के जवाब आज हमने आपको बताने कि कोशिस कि हैं। हमारा उद्धेश्य यही है कि लोगों को किसी भी सवाल का positive answer दे सकें। अगर यहाँ पर हम negative energy के स्थान पर भूत प्रेत जैसे शब्दों का इस्तमाल करते तो सायद गलत होता।

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।


● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।


● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

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धन्यवाद.......

कहा जाता है कि जो पुरा सच होता है वो दिन के  उज्जाले में नजर आता है लेकिन कुछ सच ऐसे होते हैं जिनकी तलाश सिर्फ रात के अधेंरे में ही कि जा सकती हैं।अगर आप जानना चाहते है कि क्या है भानगढ़ किले का रहस्य?  आप बिल्कुल सही जगह पर आये हैं।जस्थान का अलवर जिला, अलवर जिले का भानगढ़ और भानगढ़ का वह किला जो पिच्छले 400 सालों से अपने अदंर हजारों रहस्यों को समेटे हुए हैं।भानगढ़ का किला भारत का सबसे खतरनाक और भुतिया जगहों मे से एक है जहाँ पर रात में जाने वाला व्यक्ति अगलि सुभह नहीं देख पाता हैं। अब आप इसे कहानी समझें या सच, लेकिन राजस्थान कि एकमात्र जगह है यह भानगढ़ का किला जहाँ पर रात के समय जाने पर सरकार द्वारा प्रतिबधं लगाया गया हैं। और सरकार कि permission के बिना रात के समय इस किले में जाना गैर कानुनि घोषित किया गया हैं।लेकिन कहानी सिर्फ इतनी ही नहीं हैं क्योंकि इस किले के रहस्य विज्ञान की समझ के भी परे हैं। आज के समय में लोग विज्ञान को प्रकृति से भी आगे समझने लगे हैं।

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भानगढ का किले का रहस्य

bhangarh ka rahasya

क्या सच में सुरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 पहले मर चुका यह शहर? क्या सच में एक रात यहां बिताने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता? क्यों आती है रानी के महल से घूंधरूओं कि आवाज? क्यों हर पल जिन के मदिंर में किसी रहस्य कि आहट? क्या सच में भूतों का अढ्ढा हैभानगढ़ का किला? ऐसे एक नहीं हजारों सवालों और रहस्यों को समेटे हुए है भानगढ़ का किला।ऐसे ही कुछ रहस्यों को हम यहाँ आपके सामने रखने वाले हैं।

आज आप यहाँ पर निम्नलिखित सवालों के जवाब विस्तार से जानेगें। 

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है? 

●  क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

●  क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं? 

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

● क्या सच में भूतों का अढ्ढा है भानगढ़ का किला?

● क्या सच में सूरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 साल पहले मर चुका यह शहर? 

● क्यों है भानगढ़ में खोफ का साया?



भानगढ़ का किला राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का अभ्यारण के आस पास के इलाके में आता है जो कि चारो ओर से घने जगंलों और पहाड़ों से घिरा हुआ क्षेत्र हैं। जहाँ पर एक समय राजस्थान के राजा महाराजाओं का राज रहा था और आज यह शहर इस तरह उजड़ गया है कि शाम होने के बाद यहाँ पर लोगों को कदम रखने पर पाबधिं हैं।

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।


● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।


● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

कहा जाता है कि जो पुरा सच होता है वो दिन के  उज्जाले में नजर आता है लेकिन कुछ सच ऐसे होते हैं जिनकी तलाश सिर्फ रात के अधेंरे में ही कि जा सकती हैं।अगर आप जानना चाहते है कि क्या है भानगढ़ किले का रहस्य?  आप बिल्कुल सही जगह पर आये हैं।जस्थान का अलवर जिला, अलवर जिले का भानगढ़ और भानगढ़ का वह किला जो पिच्छले 400 सालों से अपने अदंर हजारों रहस्यों को समेटे हुए हैं।भानगढ़ का किला भारत का सबसे खतरनाक और भुतिया जगहों मे से एक है जहाँ पर रात में जाने वाला व्यक्ति अगलि सुभह नहीं देख पाता हैं। अब आप इसे कहानी समझें या सच, लेकिन राजस्थान कि एकमात्र जगह है यह भानगढ़ का किला जहाँ पर रात के समय जाने पर सरकार द्वारा प्रतिबधं लगाया गया हैं। और सरकार कि permission के बिना रात के समय इस किले में जाना गैर कानुनि घोषित किया गया हैं।लेकिन कहानी सिर्फ इतनी ही नहीं हैं क्योंकि इस किले के रहस्य विज्ञान की समझ के भी परे हैं। आज के समय में लोग विज्ञान को प्रकृति से भी आगे समझने लगे हैं। 


क्या सच में सुरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 पहले मर चुका यह शहर? क्या सच में एक रात यहां बिताने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता? क्यों आती है रानी के महल से घूंधरूओं कि आवाज? क्यों हर पल जिन के मदिंर में किसी रहस्य कि आहट? क्या सच में भूतों का अढ्ढा है भानगढ़ का किला? ऐसे एक नहीं हजारों सवालों और रहस्यों को समेटे हुए है भानगढ़ का किला।ऐसे ही कुछ रहस्यों को हम यहाँ आपके सामने रखने वाले हैं।

आज आप यहाँ पर निम्नलिखित सवालों के जवाब विस्तार से जानेगें। 

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है? 

●  क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

●  क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं? 

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

● क्या सच में भूतों का अढ्ढा है भानगढ़ का किला?

● क्या सच में सूरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 साल पहले मर चुका यह शहर? 

● क्यों है भानगढ़ में खोफ का साया?

भानगढ़ का किला राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का अभ्यारण के आस पास के इलाके में आता है जो कि चारो ओर से घने जगंलों और पहाड़ों से घिरा हुआ क्षेत्र हैं। जहाँ पर एक समय राजस्थान के राजा महाराजाओं का राज रहा था और आज यह शहर इस तरह उजड़ गया है कि शाम होने के बाद यहाँ पर लोगों को कदम रखने पर पाबधिं हैं।


● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।


● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।


● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

● आज आपने क्या शिखा? 

दोस्तों आज हमने भानगढ़ के किले के बारे में कुछ रहस्यमय तथ्यों पर से पड़दा ऊढाने कि कौशिस की।और जाना कि भानगढ़ का इतिहास क्या रहा है? भानगढ़ किले का निर्माण किसने करवाया था? रानी रत्नावती की प्रसिद्ध कहानी, क्यों भानगढ़ को भूतों का किला कहा जाता है? क्यों सरकार को रात के समय यहाँ जाने पर पाबंधि लगानी पड़ी? ऐसे और भी बहुत सारे सवालों के जवाब आज हमने आपको बताने कि कोशिस कि हैं। हमारा उद्धेश्य यही है कि लोगों को किसी भी सवाल का positive answer दे सकें। अगर यहाँ पर हम negative energy के स्थान पर भूत प्रेत जैसे शब्दों का इस्तमाल करते तो सायद गलत होता।

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।


● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।


● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

कहा जाता है कि जो पुरा सच होता है वो दिन के  उज्जाले में नजर आता है लेकिन कुछ सच ऐसे होते हैं जिनकी तलाश सिर्फ रात के अधेंरे में ही कि जा सकती हैं।अगर आप जानना चाहते है कि क्या है भानगढ़ किले का रहस्य?  आप बिल्कुल सही जगह पर आये हैं।जस्थान का अलवर जिला, अलवर जिले का भानगढ़ और भानगढ़ का वह किला जो पिच्छले 400 सालों से अपने अदंर हजारों रहस्यों को समेटे हुए हैं।भानगढ़ का किला भारत का सबसे खतरनाक और भुतिया जगहों मे से एक है जहाँ पर रात में जाने वाला व्यक्ति अगलि सुभह नहीं देख पाता हैं। अब आप इसे कहानी समझें या सच, लेकिन राजस्थान कि एकमात्र जगह है यह भानगढ़ का किला जहाँ पर रात के समय जाने पर सरकार द्वारा प्रतिबधं लगाया गया हैं। और सरकार कि permission के बिना रात के समय इस किले में जाना गैर कानुनि घोषित किया गया हैं।लेकिन कहानी सिर्फ इतनी ही नहीं हैं क्योंकि इस किले के रहस्य विज्ञान की समझ के भी परे हैं। आज के समय में लोग विज्ञान को प्रकृति से भी आगे समझने लगे हैं। 


क्या सच में सुरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 पहले मर चुका यह शहर? क्या सच में एक रात यहां बिताने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता? क्यों आती है रानी के महल से घूंधरूओं कि आवाज? क्यों हर पल जिन के मदिंर में किसी रहस्य कि आहट? क्या सच में भूतों का अढ्ढा है भानगढ़ का किला? ऐसे एक नहीं हजारों सवालों और रहस्यों को समेटे हुए है भानगढ़ का किला।ऐसे ही कुछ रहस्यों को हम यहाँ आपके सामने रखने वाले हैं।

आज आप यहाँ पर निम्नलिखित सवालों के जवाब विस्तार से जानेगें। 

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है? 

●  क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

●  क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं? 

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

● क्या सच में भूतों का अढ्ढा है भानगढ़ का किला?

● क्या सच में सूरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 साल पहले मर चुका यह शहर? 

● क्यों है भानगढ़ में खोफ का साया?

भानगढ़ का किला राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का अभ्यारण के आस पास के इलाके में आता है जो कि चारो ओर से घने जगंलों और पहाड़ों से घिरा हुआ क्षेत्र हैं। जहाँ पर एक समय राजस्थान के राजा महाराजाओं का राज रहा था और आज यह शहर इस तरह उजड़ गया है कि शाम होने के बाद यहाँ पर लोगों को कदम रखने पर पाबधिं हैं।


● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।


● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।


● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

● आज आपने क्या शिखा? 

दोस्तों आज हमने भानगढ़ के किले के बारे में कुछ रहस्यमय तथ्यों पर से पड़दा ऊढाने कि कौशिस की।और जाना कि भानगढ़ का इतिहास क्या रहा है? भानगढ़ किले का निर्माण किसने करवाया था? रानी रत्नावती की प्रसिद्ध कहानी, क्यों भानगढ़ को भूतों का किला कहा जाता है? क्यों सरकार को रात के समय यहाँ जाने पर पाबंधि लगानी पड़ी? ऐसे और भी बहुत सारे सवालों के जवाब आज हमने आपको बताने कि कोशिस कि हैं। हमारा उद्धेश्य यही है कि लोगों को किसी भी सवाल का positive answer दे सकें। अगर यहाँ पर हम negative energy के स्थान पर भूत प्रेत जैसे शब्दों का इस्तमाल करते तो सायद गलत होता।

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।


● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।


● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

आशा करता हुॅं कि आपको आज का हमारा यह article पसंद आया होगा। अगर आपको ऐसे और भी articles पढ़ने हैं तो हमें follow करें।अगर आपको हमारि यह पोस्ट अच्छि लगे तो Social media पर ज्यादा से ज्यादा share करें, comment करें  और अगर आपको कोई प्रशन पुच्छने हैं तो बेजिझक होकर पुच्छ सकते हैं। और उम्मीद करता हुॅं कि ये पोस्ट आपके लिए उपयोगी और knowledge full होगी। 

धन्यवाद.......

कहा जाता है कि जो पुरा सच होता है वो दिन के  उज्जाले में नजर आता है लेकिन कुछ सच ऐसे होते हैं जिनकी तलाश सिर्फ रात के अधेंरे में ही कि जा सकती हैं।अगर आप जानना चाहते है कि क्या है भानगढ़ किले का रहस्य?  आप बिल्कुल सही जगह पर आये हैं।जस्थान का अलवर जिला, अलवर जिले का भानगढ़ और भानगढ़ का वह किला जो पिच्छले 400 सालों से अपने अदंर हजारों रहस्यों को समेटे हुए हैं।भानगढ़ का किला भारत का सबसे खतरनाक और भुतिया जगहों मे से एक है जहाँ पर रात में जाने वाला व्यक्ति अगलि सुभह नहीं देख पाता हैं। अब आप इसे कहानी समझें या सच, लेकिन राजस्थान कि एकमात्र जगह है यह भानगढ़ का किला जहाँ पर रात के समय जाने पर सरकार द्वारा प्रतिबधं लगाया गया हैं। और सरकार कि permission के बिना रात के समय इस किले में जाना गैर कानुनि घोषित किया गया हैं।लेकिन कहानी सिर्फ इतनी ही नहीं हैं क्योंकि इस किले के रहस्य विज्ञान की समझ के भी परे हैं। आज के समय में लोग विज्ञान को प्रकृति से भी आगे समझने लगे हैं।

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भानगढ का किले का रहस्य

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क्या सच में सुरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 पहले मर चुका यह शहर? क्या सच में एक रात यहां बिताने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता? क्यों आती है रानी के महल से घूंधरूओं कि आवाज? क्यों हर पल जिन के मदिंर में किसी रहस्य कि आहट? क्या सच में भूतों का अढ्ढा हैभानगढ़ का किला? ऐसे एक नहीं हजारों सवालों और रहस्यों को समेटे हुए है भानगढ़ का किला।ऐसे ही कुछ रहस्यों को हम यहाँ आपके सामने रखने वाले हैं।

आज आप यहाँ पर निम्नलिखित सवालों के जवाब विस्तार से जानेगें। 

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है? 

●  क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

●  क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं? 

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

● क्या सच में भूतों का अढ्ढा है भानगढ़ का किला?

● क्या सच में सूरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 साल पहले मर चुका यह शहर? 

● क्यों है भानगढ़ में खोफ का साया?



भानगढ़ का किला राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का अभ्यारण के आस पास के इलाके में आता है जो कि चारो ओर से घने जगंलों और पहाड़ों से घिरा हुआ क्षेत्र हैं। जहाँ पर एक समय राजस्थान के राजा महाराजाओं का राज रहा था और आज यह शहर इस तरह उजड़ गया है कि शाम होने के बाद यहाँ पर लोगों को कदम रखने पर पाबधिं हैं।

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।


● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।


● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

कहा जाता है कि जो पुरा सच होता है वो दिन के  उज्जाले में नजर आता है लेकिन कुछ सच ऐसे होते हैं जिनकी तलाश सिर्फ रात के अधेंरे में ही कि जा सकती हैं।अगर आप जानना चाहते है कि क्या है भानगढ़ किले का रहस्य?  आप बिल्कुल सही जगह पर आये हैं।जस्थान का अलवर जिला, अलवर जिले का भानगढ़ और भानगढ़ का वह किला जो पिच्छले 400 सालों से अपने अदंर हजारों रहस्यों को समेटे हुए हैं।भानगढ़ का किला भारत का सबसे खतरनाक और भुतिया जगहों मे से एक है जहाँ पर रात में जाने वाला व्यक्ति अगलि सुभह नहीं देख पाता हैं। अब आप इसे कहानी समझें या सच, लेकिन राजस्थान कि एकमात्र जगह है यह भानगढ़ का किला जहाँ पर रात के समय जाने पर सरकार द्वारा प्रतिबधं लगाया गया हैं। और सरकार कि permission के बिना रात के समय इस किले में जाना गैर कानुनि घोषित किया गया हैं।लेकिन कहानी सिर्फ इतनी ही नहीं हैं क्योंकि इस किले के रहस्य विज्ञान की समझ के भी परे हैं। आज के समय में लोग विज्ञान को प्रकृति से भी आगे समझने लगे हैं। 


क्या सच में सुरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 पहले मर चुका यह शहर? क्या सच में एक रात यहां बिताने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता? क्यों आती है रानी के महल से घूंधरूओं कि आवाज? क्यों हर पल जिन के मदिंर में किसी रहस्य कि आहट? क्या सच में भूतों का अढ्ढा है भानगढ़ का किला? ऐसे एक नहीं हजारों सवालों और रहस्यों को समेटे हुए है भानगढ़ का किला।ऐसे ही कुछ रहस्यों को हम यहाँ आपके सामने रखने वाले हैं।

आज आप यहाँ पर निम्नलिखित सवालों के जवाब विस्तार से जानेगें। 

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है? 

●  क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

●  क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं? 

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

● क्या सच में भूतों का अढ्ढा है भानगढ़ का किला?

● क्या सच में सूरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 साल पहले मर चुका यह शहर? 

● क्यों है भानगढ़ में खोफ का साया?

भानगढ़ का किला राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का अभ्यारण के आस पास के इलाके में आता है जो कि चारो ओर से घने जगंलों और पहाड़ों से घिरा हुआ क्षेत्र हैं। जहाँ पर एक समय राजस्थान के राजा महाराजाओं का राज रहा था और आज यह शहर इस तरह उजड़ गया है कि शाम होने के बाद यहाँ पर लोगों को कदम रखने पर पाबधिं हैं।


● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।


● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।


● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

● आज आपने क्या शिखा? 

दोस्तों आज हमने भानगढ़ के किले के बारे में कुछ रहस्यमय तथ्यों पर से पड़दा ऊढाने कि कौशिस की।और जाना कि भानगढ़ का इतिहास क्या रहा है? भानगढ़ किले का निर्माण किसने करवाया था? रानी रत्नावती की प्रसिद्ध कहानी, क्यों भानगढ़ को भूतों का किला कहा जाता है? क्यों सरकार को रात के समय यहाँ जाने पर पाबंधि लगानी पड़ी? ऐसे और भी बहुत सारे सवालों के जवाब आज हमने आपको बताने कि कोशिस कि हैं। हमारा उद्धेश्य यही है कि लोगों को किसी भी सवाल का positive answer दे सकें। अगर यहाँ पर हम negative energy के स्थान पर भूत प्रेत जैसे शब्दों का इस्तमाल करते तो सायद गलत होता।

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।


● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।


● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

कहा जाता है कि जो पुरा सच होता है वो दिन के  उज्जाले में नजर आता है लेकिन कुछ सच ऐसे होते हैं जिनकी तलाश सिर्फ रात के अधेंरे में ही कि जा सकती हैं।अगर आप जानना चाहते है कि क्या है भानगढ़ किले का रहस्य?  आप बिल्कुल सही जगह पर आये हैं।जस्थान का अलवर जिला, अलवर जिले का भानगढ़ और भानगढ़ का वह किला जो पिच्छले 400 सालों से अपने अदंर हजारों रहस्यों को समेटे हुए हैं।भानगढ़ का किला भारत का सबसे खतरनाक और भुतिया जगहों मे से एक है जहाँ पर रात में जाने वाला व्यक्ति अगलि सुभह नहीं देख पाता हैं। अब आप इसे कहानी समझें या सच, लेकिन राजस्थान कि एकमात्र जगह है यह भानगढ़ का किला जहाँ पर रात के समय जाने पर सरकार द्वारा प्रतिबधं लगाया गया हैं। और सरकार कि permission के बिना रात के समय इस किले में जाना गैर कानुनि घोषित किया गया हैं।लेकिन कहानी सिर्फ इतनी ही नहीं हैं क्योंकि इस किले के रहस्य विज्ञान की समझ के भी परे हैं। आज के समय में लोग विज्ञान को प्रकृति से भी आगे समझने लगे हैं। 


क्या सच में सुरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 पहले मर चुका यह शहर? क्या सच में एक रात यहां बिताने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता? क्यों आती है रानी के महल से घूंधरूओं कि आवाज? क्यों हर पल जिन के मदिंर में किसी रहस्य कि आहट? क्या सच में भूतों का अढ्ढा है भानगढ़ का किला? ऐसे एक नहीं हजारों सवालों और रहस्यों को समेटे हुए है भानगढ़ का किला।ऐसे ही कुछ रहस्यों को हम यहाँ आपके सामने रखने वाले हैं।

आज आप यहाँ पर निम्नलिखित सवालों के जवाब विस्तार से जानेगें। 

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है? 

●  क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

●  क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं? 

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

● क्या सच में भूतों का अढ्ढा है भानगढ़ का किला?

● क्या सच में सूरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 साल पहले मर चुका यह शहर? 

● क्यों है भानगढ़ में खोफ का साया?

भानगढ़ का किला राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का अभ्यारण के आस पास के इलाके में आता है जो कि चारो ओर से घने जगंलों और पहाड़ों से घिरा हुआ क्षेत्र हैं। जहाँ पर एक समय राजस्थान के राजा महाराजाओं का राज रहा था और आज यह शहर इस तरह उजड़ गया है कि शाम होने के बाद यहाँ पर लोगों को कदम रखने पर पाबधिं हैं।


● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।


● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।


● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

● आज आपने क्या शिखा? 

दोस्तों आज हमने भानगढ़ के किले के बारे में कुछ रहस्यमय तथ्यों पर से पड़दा ऊढाने कि कौशिस की।और जाना कि भानगढ़ का इतिहास क्या रहा है? भानगढ़ किले का निर्माण किसने करवाया था? रानी रत्नावती की प्रसिद्ध कहानी, क्यों भानगढ़ को भूतों का किला कहा जाता है? क्यों सरकार को रात के समय यहाँ जाने पर पाबंधि लगानी पड़ी? ऐसे और भी बहुत सारे सवालों के जवाब आज हमने आपको बताने कि कोशिस कि हैं। हमारा उद्धेश्य यही है कि लोगों को किसी भी सवाल का positive answer दे सकें। अगर यहाँ पर हम negative energy के स्थान पर भूत प्रेत जैसे शब्दों का इस्तमाल करते तो सायद गलत होता।

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।


● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।


● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

आशा करता हुॅं कि आपको आज का हमारा यह article पसंद आया होगा। अगर आपको ऐसे और भी articles पढ़ने हैं तो हमें follow करें।अगर आपको हमारि यह पोस्ट अच्छि लगे तो Social media पर ज्यादा से ज्यादा share करें, comment करें  और अगर आपको कोई प्रशन पुच्छने हैं तो बेजिझक होकर पुच्छ सकते हैं। और उम्मीद करता हुॅं कि ये पोस्ट आपके लिए उपयोगी और knowledge full होगी। 

धन्यवाद.......

कहा जाता है कि जो पुरा सच होता है वो दिन के  उज्जाले में नजर आता है लेकिन कुछ सच ऐसे होते हैं जिनकी तलाश सिर्फ रात के अधेंरे में ही कि जा सकती हैं।अगर आप जानना चाहते है कि क्या है भानगढ़ किले का रहस्य?  आप बिल्कुल सही जगह पर आये हैं।जस्थान का अलवर जिला, अलवर जिले का भानगढ़ और भानगढ़ का वह किला जो पिच्छले 400 सालों से अपने अदंर हजारों रहस्यों को समेटे हुए हैं।भानगढ़ का किला भारत का सबसे खतरनाक और भुतिया जगहों मे से एक है जहाँ पर रात में जाने वाला व्यक्ति अगलि सुभह नहीं देख पाता हैं। अब आप इसे कहानी समझें या सच, लेकिन राजस्थान कि एकमात्र जगह है यह भानगढ़ का किला जहाँ पर रात के समय जाने पर सरकार द्वारा प्रतिबधं लगाया गया हैं। और सरकार कि permission के बिना रात के समय इस किले में जाना गैर कानुनि घोषित किया गया हैं।लेकिन कहानी सिर्फ इतनी ही नहीं हैं क्योंकि इस किले के रहस्य विज्ञान की समझ के भी परे हैं। आज के समय में लोग विज्ञान को प्रकृति से भी आगे समझने लगे हैं।

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भानगढ का किले का रहस्य

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क्या सच में सुरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 पहले मर चुका यह शहर? क्या सच में एक रात यहां बिताने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता? क्यों आती है रानी के महल से घूंधरूओं कि आवाज? क्यों हर पल जिन के मदिंर में किसी रहस्य कि आहट? क्या सच में भूतों का अढ्ढा हैभानगढ़ का किला? ऐसे एक नहीं हजारों सवालों और रहस्यों को समेटे हुए है भानगढ़ का किला।ऐसे ही कुछ रहस्यों को हम यहाँ आपके सामने रखने वाले हैं।

आज आप यहाँ पर निम्नलिखित सवालों के जवाब विस्तार से जानेगें। 

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है? 

●  क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

●  क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं? 

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

● क्या सच में भूतों का अढ्ढा है भानगढ़ का किला?

● क्या सच में सूरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 साल पहले मर चुका यह शहर? 

● क्यों है भानगढ़ में खोफ का साया?



भानगढ़ का किला राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का अभ्यारण के आस पास के इलाके में आता है जो कि चारो ओर से घने जगंलों और पहाड़ों से घिरा हुआ क्षेत्र हैं। जहाँ पर एक समय राजस्थान के राजा महाराजाओं का राज रहा था और आज यह शहर इस तरह उजड़ गया है कि शाम होने के बाद यहाँ पर लोगों को कदम रखने पर पाबधिं हैं।

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।


● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।


● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

कहा जाता है कि जो पुरा सच होता है वो दिन के  उज्जाले में नजर आता है लेकिन कुछ सच ऐसे होते हैं जिनकी तलाश सिर्फ रात के अधेंरे में ही कि जा सकती हैं।अगर आप जानना चाहते है कि क्या है भानगढ़ किले का रहस्य?  आप बिल्कुल सही जगह पर आये हैं।जस्थान का अलवर जिला, अलवर जिले का भानगढ़ और भानगढ़ का वह किला जो पिच्छले 400 सालों से अपने अदंर हजारों रहस्यों को समेटे हुए हैं।भानगढ़ का किला भारत का सबसे खतरनाक और भुतिया जगहों मे से एक है जहाँ पर रात में जाने वाला व्यक्ति अगलि सुभह नहीं देख पाता हैं। अब आप इसे कहानी समझें या सच, लेकिन राजस्थान कि एकमात्र जगह है यह भानगढ़ का किला जहाँ पर रात के समय जाने पर सरकार द्वारा प्रतिबधं लगाया गया हैं। और सरकार कि permission के बिना रात के समय इस किले में जाना गैर कानुनि घोषित किया गया हैं।लेकिन कहानी सिर्फ इतनी ही नहीं हैं क्योंकि इस किले के रहस्य विज्ञान की समझ के भी परे हैं। आज के समय में लोग विज्ञान को प्रकृति से भी आगे समझने लगे हैं। 


क्या सच में सुरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 पहले मर चुका यह शहर? क्या सच में एक रात यहां बिताने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता? क्यों आती है रानी के महल से घूंधरूओं कि आवाज? क्यों हर पल जिन के मदिंर में किसी रहस्य कि आहट? क्या सच में भूतों का अढ्ढा है भानगढ़ का किला? ऐसे एक नहीं हजारों सवालों और रहस्यों को समेटे हुए है भानगढ़ का किला।ऐसे ही कुछ रहस्यों को हम यहाँ आपके सामने रखने वाले हैं।

आज आप यहाँ पर निम्नलिखित सवालों के जवाब विस्तार से जानेगें। 

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है? 

●  क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

●  क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं? 

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

● क्या सच में भूतों का अढ्ढा है भानगढ़ का किला?

● क्या सच में सूरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 साल पहले मर चुका यह शहर? 

● क्यों है भानगढ़ में खोफ का साया?

भानगढ़ का किला राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का अभ्यारण के आस पास के इलाके में आता है जो कि चारो ओर से घने जगंलों और पहाड़ों से घिरा हुआ क्षेत्र हैं। जहाँ पर एक समय राजस्थान के राजा महाराजाओं का राज रहा था और आज यह शहर इस तरह उजड़ गया है कि शाम होने के बाद यहाँ पर लोगों को कदम रखने पर पाबधिं हैं।


● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।


● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।


● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

● आज आपने क्या शिखा? 

दोस्तों आज हमने भानगढ़ के किले के बारे में कुछ रहस्यमय तथ्यों पर से पड़दा ऊढाने कि कौशिस की।और जाना कि भानगढ़ का इतिहास क्या रहा है? भानगढ़ किले का निर्माण किसने करवाया था? रानी रत्नावती की प्रसिद्ध कहानी, क्यों भानगढ़ को भूतों का किला कहा जाता है? क्यों सरकार को रात के समय यहाँ जाने पर पाबंधि लगानी पड़ी? ऐसे और भी बहुत सारे सवालों के जवाब आज हमने आपको बताने कि कोशिस कि हैं। हमारा उद्धेश्य यही है कि लोगों को किसी भी सवाल का positive answer दे सकें। अगर यहाँ पर हम negative energy के स्थान पर भूत प्रेत जैसे शब्दों का इस्तमाल करते तो सायद गलत होता।

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।


● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।


● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

कहा जाता है कि जो पुरा सच होता है वो दिन के  उज्जाले में नजर आता है लेकिन कुछ सच ऐसे होते हैं जिनकी तलाश सिर्फ रात के अधेंरे में ही कि जा सकती हैं।अगर आप जानना चाहते है कि क्या है भानगढ़ किले का रहस्य?  आप बिल्कुल सही जगह पर आये हैं।जस्थान का अलवर जिला, अलवर जिले का भानगढ़ और भानगढ़ का वह किला जो पिच्छले 400 सालों से अपने अदंर हजारों रहस्यों को समेटे हुए हैं।भानगढ़ का किला भारत का सबसे खतरनाक और भुतिया जगहों मे से एक है जहाँ पर रात में जाने वाला व्यक्ति अगलि सुभह नहीं देख पाता हैं। अब आप इसे कहानी समझें या सच, लेकिन राजस्थान कि एकमात्र जगह है यह भानगढ़ का किला जहाँ पर रात के समय जाने पर सरकार द्वारा प्रतिबधं लगाया गया हैं। और सरकार कि permission के बिना रात के समय इस किले में जाना गैर कानुनि घोषित किया गया हैं।लेकिन कहानी सिर्फ इतनी ही नहीं हैं क्योंकि इस किले के रहस्य विज्ञान की समझ के भी परे हैं। आज के समय में लोग विज्ञान को प्रकृति से भी आगे समझने लगे हैं। 


क्या सच में सुरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 पहले मर चुका यह शहर? क्या सच में एक रात यहां बिताने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता? क्यों आती है रानी के महल से घूंधरूओं कि आवाज? क्यों हर पल जिन के मदिंर में किसी रहस्य कि आहट? क्या सच में भूतों का अढ्ढा है भानगढ़ का किला? ऐसे एक नहीं हजारों सवालों और रहस्यों को समेटे हुए है भानगढ़ का किला।ऐसे ही कुछ रहस्यों को हम यहाँ आपके सामने रखने वाले हैं।

आज आप यहाँ पर निम्नलिखित सवालों के जवाब विस्तार से जानेगें। 

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है? 

●  क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

●  क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं? 

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

● क्या सच में भूतों का अढ्ढा है भानगढ़ का किला?

● क्या सच में सूरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 साल पहले मर चुका यह शहर? 

● क्यों है भानगढ़ में खोफ का साया?

भानगढ़ का किला राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का अभ्यारण के आस पास के इलाके में आता है जो कि चारो ओर से घने जगंलों और पहाड़ों से घिरा हुआ क्षेत्र हैं। जहाँ पर एक समय राजस्थान के राजा महाराजाओं का राज रहा था और आज यह शहर इस तरह उजड़ गया है कि शाम होने के बाद यहाँ पर लोगों को कदम रखने पर पाबधिं हैं।


● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

 मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।


● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।


● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।


● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।


● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।


● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

कहा जाता है कि जो पुरा सच होता है वो दिन के  उज्जाले में नजर आता है लेकिन कुछ सच ऐसे होते हैं जिनकी तलाश सिर्फ रात के अधेंरे में ही कि जा सकती हैं।अगर आप जानना चाहते है कि क्या है भानगढ़ किले का रहस्य?  आप बिल्कुल सही जगह पर आये हैं।जस्थान का अलवर जिला, अलवर जिले का भानगढ़ और भानगढ़ का वह किला जो पिच्छले 400 सालों से अपने अदंर हजारों रहस्यों को समेटे हुए हैं।भानगढ़ का किला भारत का सबसे खतरनाक और भुतिया जगहों मे से एक है जहाँ पर रात में जाने वाला व्यक्ति अगलि सुभह नहीं देख पाता हैं। अब आप इसे कहानी समझें या सच, लेकिन राजस्थान कि एकमात्र जगह है यह भानगढ़ का किला जहाँ पर रात के समय जाने पर सरकार द्वारा प्रतिबधं लगाया गया हैं। और सरकार कि permission के बिना रात के समय इस किले में जाना गैर कानुनि घोषित किया गया हैं।लेकिन कहानी सिर्फ इतनी ही नहीं हैं क्योंकि इस किले के रहस्य विज्ञान की समझ के भी परे हैं। आज के समय में लोग विज्ञान को प्रकृति से भी आगे समझने लगे हैं।


● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।



● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं 


● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।


● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।


● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

● आज आपने क्या शिखा? 

दोस्तों आज हमने भानगढ़ के किले के बारे में कुछ रहस्यमय तथ्यों पर से पड़दा ऊढाने कि कौशिस की।और जाना कि भानगढ़ का इतिहास क्या रहा है? भानगढ़ किले का निर्माण किसने करवाया था? रानी रत्नावती की प्रसिद्ध कहानी, क्यों भानगढ़ को भूतों का किला कहा जाता है? क्यों सरकार को रात के समय यहाँ जाने पर पाबंधि लगानी पड़ी? ऐसे और भी बहुत सारे सवालों के जवाब आज हमने आपको बताने कि कोशिस कि हैं। हमारा उद्धेश्य यही है कि लोगों को किसी भी सवाल का positive answer दे सकें। अगर यहाँ पर हम negative energy के स्थान पर भूत प्रेत जैसे शब्दों का इस्तमाल करते तो सायद गलत होता।

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।


● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।


● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

आशा करता हुॅं कि आपको आज का हमारा यह article पसंद आया होगा। अगर आपको ऐसे और भी articles पढ़ने हैं तो हमें follow करें।अगर आपको हमारि यह पोस्ट अच्छि लगे तो Social media पर ज्यादा से ज्यादा share करें, comment करें  और अगर आपको कोई प्रशन पुच्छने हैं तो बेजिझक होकर पुच्छ सकते हैं। और उम्मीद करता हुॅं कि ये पोस्ट आपके लिए उपयोगी और knowledge full होगी। 

धन्यवाद.......

कहा जाता है कि जो पुरा सच होता है वो दिन के  उज्जाले में नजर आता है लेकिन कुछ सच ऐसे होते हैं जिनकी तलाश सिर्फ रात के अधेंरे में ही कि जा सकती हैं।अगर आप जानना चाहते है कि क्या है भानगढ़ किले का रहस्य?  आप बिल्कुल सही जगह पर आये हैं।जस्थान का अलवर जिला, अलवर जिले का भानगढ़ और भानगढ़ का वह किला जो पिच्छले 400 सालों से अपने अदंर हजारों रहस्यों को समेटे हुए हैं।भानगढ़ का किला भारत का सबसे खतरनाक और भुतिया जगहों मे से एक है जहाँ पर रात में जाने वाला व्यक्ति अगलि सुभह नहीं देख पाता हैं। अब आप इसे कहानी समझें या सच, लेकिन राजस्थान कि एकमात्र जगह है यह भानगढ़ का किला जहाँ पर रात के समय जाने पर सरकार द्वारा प्रतिबधं लगाया गया हैं। और सरकार कि permission के बिना रात के समय इस किले में जाना गैर कानुनि घोषित किया गया हैं।लेकिन कहानी सिर्फ इतनी ही नहीं हैं क्योंकि इस किले के रहस्य विज्ञान की समझ के भी परे हैं। आज के समय में लोग विज्ञान को प्रकृति से भी आगे समझने लगे हैं।

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भानगढ का किले का रहस्य

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क्या सच में सुरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 पहले मर चुका यह शहर? क्या सच में एक रात यहां बिताने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता? क्यों आती है रानी के महल से घूंधरूओं कि आवाज? क्यों हर पल जिन के मदिंर में किसी रहस्य कि आहट? क्या सच में भूतों का अढ्ढा हैभानगढ़ का किला? ऐसे एक नहीं हजारों सवालों और रहस्यों को समेटे हुए है भानगढ़ का किला।ऐसे ही कुछ रहस्यों को हम यहाँ आपके सामने रखने वाले हैं।

आज आप यहाँ पर निम्नलिखित सवालों के जवाब विस्तार से जानेगें। 

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है? 

●  क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

●  क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं? 

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

● क्या सच में भूतों का अढ्ढा है भानगढ़ का किला?

● क्या सच में सूरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 साल पहले मर चुका यह शहर? 

● क्यों है भानगढ़ में खोफ का साया?



भानगढ़ का किला राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का अभ्यारण के आस पास के इलाके में आता है जो कि चारो ओर से घने जगंलों और पहाड़ों से घिरा हुआ क्षेत्र हैं। जहाँ पर एक समय राजस्थान के राजा महाराजाओं का राज रहा था और आज यह शहर इस तरह उजड़ गया है कि शाम होने के बाद यहाँ पर लोगों को कदम रखने पर पाबधिं हैं।

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।


● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।


● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

कहा जाता है कि जो पुरा सच होता है वो दिन के  उज्जाले में नजर आता है लेकिन कुछ सच ऐसे होते हैं जिनकी तलाश सिर्फ रात के अधेंरे में ही कि जा सकती हैं।अगर आप जानना चाहते है कि क्या है भानगढ़ किले का रहस्य?  आप बिल्कुल सही जगह पर आये हैं।जस्थान का अलवर जिला, अलवर जिले का भानगढ़ और भानगढ़ का वह किला जो पिच्छले 400 सालों से अपने अदंर हजारों रहस्यों को समेटे हुए हैं।भानगढ़ का किला भारत का सबसे खतरनाक और भुतिया जगहों मे से एक है जहाँ पर रात में जाने वाला व्यक्ति अगलि सुभह नहीं देख पाता हैं। अब आप इसे कहानी समझें या सच, लेकिन राजस्थान कि एकमात्र जगह है यह भानगढ़ का किला जहाँ पर रात के समय जाने पर सरकार द्वारा प्रतिबधं लगाया गया हैं। और सरकार कि permission के बिना रात के समय इस किले में जाना गैर कानुनि घोषित किया गया हैं।लेकिन कहानी सिर्फ इतनी ही नहीं हैं क्योंकि इस किले के रहस्य विज्ञान की समझ के भी परे हैं। आज के समय में लोग विज्ञान को प्रकृति से भी आगे समझने लगे हैं। 


क्या सच में सुरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 पहले मर चुका यह शहर? क्या सच में एक रात यहां बिताने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता? क्यों आती है रानी के महल से घूंधरूओं कि आवाज? क्यों हर पल जिन के मदिंर में किसी रहस्य कि आहट? क्या सच में भूतों का अढ्ढा है भानगढ़ का किला? ऐसे एक नहीं हजारों सवालों और रहस्यों को समेटे हुए है भानगढ़ का किला।ऐसे ही कुछ रहस्यों को हम यहाँ आपके सामने रखने वाले हैं।

आज आप यहाँ पर निम्नलिखित सवालों के जवाब विस्तार से जानेगें। 

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है? 

●  क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

●  क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं? 

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

● क्या सच में भूतों का अढ्ढा है भानगढ़ का किला?

● क्या सच में सूरज ढलते ही जिदां हो जाता है 400 साल पहले मर चुका यह शहर? 

● क्यों है भानगढ़ में खोफ का साया?

भानगढ़ का किला राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का अभ्यारण के आस पास के इलाके में आता है जो कि चारो ओर से घने जगंलों और पहाड़ों से घिरा हुआ क्षेत्र हैं। जहाँ पर एक समय राजस्थान के राजा महाराजाओं का राज रहा था और आज यह शहर इस तरह उजड़ गया है कि शाम होने के बाद यहाँ पर लोगों को कदम रखने पर पाबधिं हैं।


● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जाता हैं।

● रानी रत्नावती की कहानी क्या है?

 कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ कि रानी रत्नावती इस आस पास के क्षेत्र में सबसे सुदंर थी जिसकी सुदंरता की कहानियां दुर दुर तक प्रसिद्ध थी। लेकिन रत्नावती जितनी सुदंर थी उतनी ही चतुर और बुद्धिमान भी थी। एक दिन रत्नावती बाजार में गई तभी वहां पर एक तात्रिंक का दिल इन पर आ गया और उस तात्रिंक ने इन्हे पाने के लिए उनके पास किसी तरह से एक विशेष प्रकार का इत्र इनके पास भेजा था उस इत्र कि खाश बात थी कि जो भी कोई उस इत्र को लगाता वह फौरन उस तात्रिंक के पास पहुंच जाता। लेकिन इस बात का पहले ही रत्नावती को पता चल गया था इसलिए उसने इस इत्र को एक बड़ी चट्टान के ऊपर गिरा दिया, जिसके कारण वह चट्टान उड़ते हुए उस तात्रिंक के उपर जाकर गिर गई और मरते मरते उस तात्रिंक ने भानगढ़ को बरबादी का श्राप दे दिया।

लेकिन इस कहानी में एक विवाद है कि इतिहास से भी यह पता नहीं चल सका है कि रत्नावती भानगढ़ की रानी थी या फिर राजकुमारी।


● क्या है भानगढ़ किले का रहस्य? 

अगर भानगढ़ के आस पास के स्थानीए लोगों कि मानें तो भानगढ़ के किले में वहाॅं के बहुत सारे लोगों को रात के समय कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती हैं लेकिन कोई भी रात में अदंर जाने कि हिम्मत कोई नहीं करता हैं। और जिस किसी व्यक्ति नें भी जाने कि कोशिस कि है वह जिदां वापस नहीं लौटा हैं। मगर इन बातों मे कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता हैं। लेकिन वहाॅं के लोगों ने आस पास माहोल ही ऐसा बना दिया है कि लोगों को व्रहम होने लग जाता है जिसके कारण वहां पर गावों में लोग इसके लिए घभराए हुए से रहते हैं।

लेकिन वहां पर research करने वालों कि मानें तो ये अजीब अजीब आवाजें वहाॅं पर रहने वाले जगंली जानवरों कि आती हैं।लेकिन जब aaj tak news channel कि team वहां पर पहुंची तो उनके research में भी कुछ तथ्य सामनें आते हैं जो सबके होस उड़ा देने वाले होते हैं।

☆ जब गौरव तीवाड़ी अपनी team के साथ भानगढ़ किले में राजा के मुख्य कक्ष में पहुंचे तो उनके EMF meter का काटां तेजी से घुमनें लगा, जिससे साबित होता है कि वहां पर कुछ पैरा नॉरमल एकटीविटी जरूर हैं। यानि की कुछ ऐसी negative energy जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

EMF( Electro magnetic field) meter एक ऐसा यत्रं होता है जो कि अपने आस पास स्थित ऐसी शक्तियों का पता लगाता है जिसे हम इन्सान नहीं महसूस कर सकते हैं।

ऐसी और भी कई घटनाएं भानगढ़ के किले में देखने को मिलती हैं।


● क्यों लगाई सरकार ने रात के समय यहाँ जाने पर पाबधिं?

 भानगढ़ के किले में राजस्थान सरकार द्वारा रात में जाना बैन किया गया हैं क्योंकि वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि रात के समय यहाँ पर जाने वाला व्यक्ति अगली सुभह नहीं देख पाता हैं। वहां के स्थानिए लोगों का कहना है कि भानगढ़ का किला भूतों का अढ्ढा हैं। और जब ये बातें चरचा में आने लगी तो यहाँ कि सरकार को यहाँ के बारे में research करना पड़ा और कुछ researchs का मानना है कि रात के समय यहाँ पर कुछ असामान्य सी घटनाएं देखने को मिलती हैं। और जब इस पर ओर research कि जाने लगीं तो पता चला कि यहाँ पर कुछ negative energy हैं। या युं कहे कि ऐसी अन्दरूनी शक्तियां जिन्हे एक आम इन्सान नहीं देख सकता।

जिसके कारण यहाँ का माहोल इतना खराब होने लगा कि सरकार को मजबुरन यहाँ पर रात के समय जाने पर पाबधिं लगानी पड़ी। लेकिन दिन के उज्जाले में यहाँ पर लाखों tourist आते रहते हैं।

● क्या है भानगढ़ का इतिहास? 

भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में आता हैं और भानगढ़ का किला यहाँ के सरिस्का अभ्यारण के समिप पहाड़ी पर स्थित है जिसका निर्माण सन् 1573 ई. में आमेर के राजा भगवतंदास द्वारा करवाया गया था बाद में भगवतंदास के बैटे माधोसिंह नें इसे अपने कब्जे में ले लिया।माधोसिंह के तीन बैटे थे सुजान सिंह, छत्र सिंह और तेज सिहं। माधोंसिहं के बाद में छत्र सिंह भानगढ़ का शासक बना।कहा जाता है कि इसके शासन काल में मुगलों ने भानगढ़ पर आक्रमण किया था जिसके कारण भानगढ़ तहस नहस हो गया, इसे भानगढ़ के बरबाद होने का एक कारण माना जाता हैं। लेकिन इस युद्ध के कोई प्रमाण मौजुद नहीं होने के कारण इसे सही कहा जाना भी ठीक नहीं होगा।

● आज आपने क्या शिखा? 

दोस्तों आज हमने भानगढ़ के किले के बारे में कुछ रहस्यमय तथ्यों पर से पड़दा ऊढाने कि कौशिस की।और जाना कि भानगढ़ का इतिहास क्या रहा है? भानगढ़ किले का निर्माण किसने करवाया था? रानी रत्नावती की प्रसिद्ध कहानी, क्यों भानगढ़ को भूतों का किला कहा जाता है? क्यों सरकार को रात के समय यहाँ जाने पर पाबंधि लगानी पड़ी? ऐसे और भी बहुत सारे सवालों के जवाब आज हमने आपको बताने कि कोशिस कि हैं। हमारा उद्धेश्य यही है कि लोगों को किसी भी सवाल का positive answer दे सकें। अगर यहाँ पर हम negative energy के स्थान पर भूत प्रेत जैसे शब्दों का इस्तमाल करते तो सायद गलत होता।

● आखिर कैसे बरबाद हुआ भानगढ़ शहर? 

भानगढ़ के बरबाद होने के इतिहास में कोई पक्के परमाण मौजुद नहीं हैं लेकिन फिर भी अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग मत दिए हैं। जिनमें से दो मत सबसे प्रचलित हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भानगढ़ के अतिंम शासक छत्र सिंह के शासन काल में भानगढ़ पर मुगलों और राजस्थान के अन्य कुछ राजाओं ने एक साथ मिलकर आक्रमण किया था और यह युद्ध इतना भयकंर हुआ था कि रातों रात पुरा भानगढ़ तब्हा हो गया था। 

लेकिन भानगढ़ के किले में या आस पास इस युद्ध के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके कारण इस मत पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता है। और दुसरा मत है रानी रत्नावती की कहानी, जो कि इस किले के बारे में लोगों को सोचने पर मजबुर कर देती हैं या इस किले कि प्रसिद्धि का श्रेय इस कहानी को ही जात

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